भूमिगत नालों के कारण बोरवेल दूषित, निकल रहा गंदा पानी

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    जलगांव : पिछले तीन-चार वर्षों में शहर सहित जिले में अमृत योजना (Amrut Scheme) के तहत कई जगहों पर भूमिगत नालों (Underground Drains) के काम किए गए। लेकिन निधि की कमी और हिस्सेदारी न मिलने के कारण प्रशासन और ठेकेदार कार्यों को पूरा करने में लापरवाही रहे। जिले में ज्यादातर जगहों पर भूमिगत नालों के काम तकनीकी रूप से खराब हैं और नाले का गंदा पानी (Dirty Water) बहाव न मिलने के कारण जगह जगह जमा हो गया है। यह जमा पानी जमीन में रिस रहा है जिससे कई इलाकों के बोरवेल में गंदा पानी आ रहा है। इससे नागरिकों के स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो गया है। यही नहीं, दोषपूर्ण और अधूरे निर्माण के कारण नालों के चेंबर कहीं कहीं सड़क के ऊपर निकल आए हैं। कई जगहों पर ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य अधूरा छोड़े जाने से सड़कों में गड्ढे भी हो गए हैं। इसके अलावा, अमृत यज्ञ के दूसरे चरण की परियोजना रिपोर्ट जमा करने की मुद्दत में अनदेखी के कारण अधिकांश कार्यों में देरी होने की आशंका है। 

    जलगांव शहर के साथ-साथ जिले के अधिकांश तहसील क्षेत्रों में 2019 में अमृत योजना के तहत बड़े पैमाने पर भूमिगत नालों के काम शुरू किए गए थे। कई इलाकों में इन नालों की खुदाई की गई, पाइप कनेक्शन और चेंबर का काम किया गया। लेकिन कई जगहों पर सेंट्रल चेंबर सड़कों की ऊंचाई से अधिक है और कुछ जगहों पर सड़कों के समतलीकरण सहित कई समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है। अधिकांश तहसीलों में नालों से गंदा पानी बह नहीं रहा है।  हालांकि भूमिगत सीवर का निर्माण किया गया है, लेकिन पाइप कनेक्शन कई जगहों पर दोषपूर्ण और अधूरे हैं। नालों को पंप करने वाली मोटरों के फ्यूज को बदमाशों ने तोड दिया है और प्रशासन के अमले की अनदेखी के कारण जल निकासी के अभाव में नाले ढह गए हैं। परिणाम स्वरूप संचित दूषित पानी कुओं और बोरवेल में रिस रहा है। जिससे बोरवेल का पानी दूषित हो गया है और इसका उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो गया है। 

    शिकायत पर प्रशासन का ध्यान नहीं

    गर्मी के दिनों में या अन्य समय में शहर में पानी की समस्या होने पर कुओं के साथ बोरवेल का पानी भी उपयोग में लाया जाता है। लेकिन लोगों को इस पानी की समस्या का भी सामना करना पड़ रहा है क्योंकि नालों के कारण पानी दूषित हो गया है। यहां के निवासी कई बार महानगरपालिका प्रशासन और स्थानीय प्रशासन से शिकायत कर चुके हैं। लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। इससे नागरिकों को दुर्गंध के साथ दूषित पानी के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। 

    कॉलोनीवासियों को दुर्गंध का सामना करना पड़ता है

    सभी वार्डों में हाल के दिनों में नालों का निर्माण किया गया है। लेकिन इनमें से अधिकांश नालों का निर्माण तकनीकी रूप से गलत है, नालों को सड़क के किनारे नालों में या खुले क्षेत्रों में बनाए गए कक्षों में छोड़ा गया है। इस पानी के निस्तारण की सुविधा बंद होने से कॉलोनीवासियों को दुर्गंध का सामना करना पड़ता है। सवाल उठता है कि वर्तमान में ऐसी स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है। मानसून के दौरान स्थिति और भी भयानक हो सकती है।