जलगांव : जिले में कोरोना मरीजों (Corona Patients) की संख्या 99 के पार हो गई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग (Health Department) से संबंधित से बात सामने आई है कि जिला स्वास्थ्य व्यवस्था अभी भी जिले में तहसील स्तर पर कोरोना बूस्टर डोज (Booster Dose) उपलब्ध कराने को लेकर गंभीर नहीं है। जिले के नागरिकों को जलगांव के एक निजी अस्पताल (Hospital) में बूस्टर डोज लेने और 400 रुपए खर्च करने पड रहे हैं। कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए तहसील स्तर पर ग्रामीण अस्पतालों में इस प्रणाली को उपलब्ध कराने की तत्काल आवश्यकता है। लेकिन जिले की स्वास्थ संबंधी प्रणाली इस मामले में कमजोर दिखाई दे रही है।
ग्रामीण अस्पतालों से वापस भेजा जा रहा
कोरोना के दो डोज खत्म होने के 9 महीने बाद नागरिकों के मोबाइल पर बूस्टर डोज लेने के मैसेज आ रहे हैं। इस संदेश के बाद नागरिक बूस्टर खुराक लेने के लिए स्थानीय ग्रामीण अस्पताल जा रहे हैं। लेकिन केवल 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के नागरिकों को ही बूस्टर खुराक दी जा रही है। 60 वर्ष से कम आयु के पुरुषों और महिलाओं को बिना बूस्टर खुराक के ग्रामीण अस्पतालों से वापस भेजा जा रहा है। उन्हें बूस्टर डोज के लिए निजी अस्पताल से संपर्क करने को कहा जा रहा है। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि 60 साल से कम उम्र के पुरुषों और महिलाओं को बूस्टर डोज देने के बाद संबंधित वेबसाइट पर इसे ऑनलाइन दर्ज नहीं किया जाता है।
इस बीच, प्राप्त एसएमएस के अनुसार, तालुका के किसी भी निजी अस्पताल में 60 वर्ष से कम आयु के किसी भी नागरिक को कोरोना की बूस्टर खुराक देने की सुविधा नहीं है। जलगांव के 2 निजी अस्पतालों में यह व्यवस्था उपलब्ध करा दी गई है। एक निजी अस्पताल, कोविशील्ड और दूसरा निजी अस्पताल में कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक उपलब्ध कराई जा रही है। उसके लिए एक डोज की कीमत 387 रुपए है। कुछ नागरिक इतनी राशि देने के बाद भी बूस्टर डोज लेने को तैयार हैं लेकिन कई को जलगांव जाकर बूस्टर डोज लेने में दिक्कत हो रही है।
टीकाकरण विभाग अभी भी सुस्त
गरीब लोगों के लिए केवल डोज के लिए जलगांव जाना और 387 रुपए खर्च करना संभव नहीं है। इस बीच जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है। इस हफ्ते मरीजों की संख्या 99 तक पहुंच गई है, जो अगले दिनों में 100 को पार कर जाएगी। समय पर बूस्टर डोज न मिलने से नागरिकों के मन में कोरोना को लेकर भय पैदा हो गया है। लेकिन फिर भी, नागरिक इस बात से नाराज हैं कि टीकाकरण विभाग अभी भी सुस्त है और ग्रामीण अस्पतालों में मदद के लिए कोई सुविधा नहीं है। स्वास्थ्य विभाग और जिला सर्जनों के सामने नागरिकों ने इस मामले को उठाया है और मांग की है कि बूस्टर खुराक कम से कम तालुका स्तर पर ग्रामीण अस्पतालों में और यदि आवश्यक हो, निजी अस्पतालों में उपलब्ध कराया जाए और कम पैसों में खूराक उपलब्ध कराई जाए।
निजी अस्पतालों को तालुका स्तर पर कोरोना की बूस्टर खुराक की पेशकश की गई है। लेकिन पूरे जिले में किसी ने भी इसे स्वीकार नहीं किया है, जैसे-जैसे कोरोना रोगियों की संख्या बढ़ रही है, जिला स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क किया जाएगा और शुरू करने के प्रयास किए जाएंगे। (डॉ. समाधान वाघ, जिला टीकाकरण अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग, जलगांव)