करंजी गांव में तूफानी मूसलाधार बारिश से नुकसान, रास्ते पर आ गए गरीब परिवार

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    पारोला : तालुका के करंजी बुद्रुक में शुक्रवार की रात 12 से 2 बजे के बीच भारी तूफानी मूसलाधार बारिश (Rain) हुई थी। तहसील के इस आदिवासी (Tribal) भील क्षेत्र में तूफान से कुछ गरीब परिवार (Poor Family) सड़क पर आ गए। इस क्षेत्र में करीब 40 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, कुछ किसानों की फसल जलमग्न हो गई है और पशुओं को भी नुकसान पहुंचा है। पिछले आठ से दस दिनों से हो रही बारिश ने शुक्रवार को आधी रात के आसपास शहर और तालुका में हाहाकार मचा दिया था। तहसील के गांव करंजी बुद्रुक में भारी तूफानी बारिश के कारण कई घरों की मिट्टी की दीवारें गिर गई। इससे घरेलू सामान, खाद्यान्न, कपड़े मिट्टी में मिल गए। प्रकृति का प्रकोप इतना भयानक था कि स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि झुग्गी-झोपड़ियों की दीवारें गिरने से आंगन में रखी मुगिर्यां और बकरियां ढह गई दावारों के नीचे दब कर मर गए। 

    तहसीलदार अनिल गावंडे और पुलिस निरीक्षक रामदास वाकोडे मौके पर पहुंचे और घटना का निरीक्षण किया और गरीब लोगों को राहत प्रदान की। इस नुकसानग्रस्त क्षेत्र में शनिवार की रात तक पंचनामा किया जाता रहा। इस समय पंचनामा में सरपंच भैयासाहेब रोकडे, पटवारी प्रशांत निकम, ग्रामसेवक वैशाली पाटिल, पुलिस पाटिल कल्पना पाटिल, ग्राम पंचायत सदस्य पंचनामा में सहयोग कर रहे हैं। राजस्व विभाग के सूत्रों ने बताया कि इन क्षतिग्रस्त मकानों का पंचनामा बनाकर वरिष्ठों को प्रारंभिक रिपोर्ट भेज दी गई है। इस बीच, सरपंच और ग्राम पंचायत के सदस्य झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले परिवारों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं। इस भारी बारिश के कारण कई परिवारों को भारी नुकसान उठाना पडा है। करीब 40 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, लेकिन गनीमत रही कि किसी की जान का नुकसान नहीं हुआ। 

    पंचनामा के लिए निर्देश 

    समूह विकास अधिकारी विजयकुमार लोंढे के साथ विस्तार अधिकारी आर. डी. इंगले ने करंजी गांव का दौरा किया और ग्रामीणों से चर्चा की। सरपंच भैयासाहेब रोकड़े ने सरकार से मांग की है कि इस बार हुई बारिश के कारण पीड़ितों को तत्काल मदद मुहैया कराई जाए। पूर्व पालक मंत्री डॉ. सतीश पाटिल ने तहसीलदार अनिल गावंडे को फोन पर पंचनामा कराने के निर्देश दिए थे। उन्होंने इस अवसर पर आश्वासन दिया कि वह गरीब परिवारों को अधिक से अधिक मदद दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। 

    भयानक था प्रकृति का कहर 

    इस तूफानी बारिश से आदिवासी भील बस्ती में घर तबाह हो गए, जबकि करंजी शिवार में किसानों की फसल बारिश के कारण जलमग्न हो गई। करंजी गांव के लिए कुदरत का ये कहर भयावह साबित हुआ। पिछले कई दिनों से बारिश नहीं होने से फसल सूखने लगी थी। लेकिन अब तूफानी बारिश के पानी से फसलें चौपट हो जाने से किसानों को बड़ा संकट झेलना पड़ रहा है।