जामनेर में Y Point के डिजाइन से हादसों का बढ़ा खतरा, विकास के नाम पर 25 लाख रुपए खर्च

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    जामनेर : इसी महीने मुंबई अहमदाबाद हाइवे नं 48 पर खराब डिजाइन के कारण टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्री की एक कार हादसे मे मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उसी दौरान इस हाइवे पर हुए 262 हादसो मे कुल 62 लोगो की जान चली गई है। ये हम इस लिए बता रहे है क्यो की ठीक इसी तरह हाइवे के डिजाइन का तकनीकी रूप से एक गलत नमूना हाइवे नं 753 पर आपको देखने को मिलेगा। बुरहानपुर से पहुर तक बने इस कंक्रीट हाइवे पर जिस Y point से जामनेर शहर मे एंट्री होती है वहा एक बड़े से गोल सर्कल के बजाय दो अलग पैसेज विकसित किए गए है। 

    जामनेर से पहुर की ओर निकलने पर बोदवड से पहुर की ओर जाने वाले तेज तर्रार वाहन की चपेट मे आने का खतरा बढ़ जाता है। नगर परिषद के वर्क आर्डर के मुताबिक विशेष योजना के तहत 25 लाख 86 हजार 629 रुपए खर्च कर मिल्ट्री टैंक (तोप) से लैस चबूतरा जंक्शन के रूप मे विकसित किया गया है। किसी भी जमीनी युद्ध के दौरान विध्वंस और दमन के हथियार के रूप मे पहचाने जानें वाले टैंक को शौर्य का आधुनिक प्रतीक बनाकर पेश करने वाली कथित राजनीतिक सोच को समझने की जरूरत है। 

    इस टैंक के ठीक बगल मे महाराणा प्रताप के पुतले के लिए छोटी सी जगह आबंटित की गई है। यहाँ पर एक हि बड़ा सर्कल बनाकर उसके भीतर केवल महाराणा प्रताप के पुतले को स्थापित किया जाना चाहिए था। जिससे युवाओं को महाराणा प्रताप के गौरवशाली इतिहास से प्रेरणा मिलती। ठेकेदार द्वारा टैंक जंक्शन के सौंदर्यीकरण के नाम पर एक चबूतरा बनाकर उसे चिकनी फर्श से पोतकर उसके उपर टैंक रखा गया है। बत्ती के नाम पर हाईमास्ट लैंप का पोल जमीन में रोपा गया है। कुल मिलाकर इस काम के लिए 25 लाख रुपए कैसे खर्च हो सकते है। 

    इस सवाल का जवाब बड़े से बड़ा इंजीनियर खोज रहा है। इस पूरे काम की जांच कर हाइवे के डिज़ाइन को एक हि खाके में सेट किया जाए ऐसी मांग जनता की ओर से की जा रही है। अपने नेता को भाग्यविधाता मानकर उसके छोटी बड़ी कामयाबी के सजदे में हजारों जीबी डेटा खपा देने वाले समर्थको को जो टैक्स पेयर्स भी है उनको अपने नागरिक होने के नाते उक्त मसलो पर चुप्पी साध लेना ठीक बात नहीं है।