राजस्व विभाग की लापरवाही से बालू घाटों की ई-नीलामी लटकी, रेत का अवैध खनन जारी

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    जलगांव : राजस्व विभाग (Revenue Department) की लापरवाही बरतने के कारण अभी तक जिले में 37 बालू घाटों (Sand Ghats) की ई-नीलामी (E-Auction) अधर में लटकी हुई है। जिसका अर्थ पूर्ण रूप से फायदा अधिकारी पुलिस आरटीओ और तस्कर उठा रहे हैं। जिसका खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है। बालू खनन का विरोध करने पर अमलनेर के एक किसान को मौत के घाट उतार दिया था। ऐसे में प्रशासन नीलामी होने तक घाटों पर नजर रख रहा है। इस वॉच से रेत तस्करी पर रोक लगेगी ऐसा माना जा रहा है।

    राज्य सरकार के 2019 के नए नियमों के अनुसार जिले में रेत खनिजों की नीलामी का आयोजन गौण खनिज विभाग द्वारा किया गया है, जिसके अनुसार जिले के रेत खनिज की नीलामी ई-नीलामी द्वारा कराने का निर्णय लिया गया है। ई-नीलामी द्वारा नीलाम होने वाले रेत खनिजों का तांत्रिक सर्वे पूरा हो गया है। पर्यावर प्रदूषण नियंत्रण विभाग द्वारा जिला अधिकारी कार्यालय में जनसुनवाई की प्रक्रिया भी चलाई जा रही है। रेत खनिज की ई-नीलामी पर्यावरण समिति की अनुमति के बाद ही की जाएगी। इस बीच उन रेत खनिजों की नीलामी होने से पहले ही उनसे अवैध बालू खनन हो सकता है।

    इसलिए रेत घाट की ई-नीलामी में भाग लेने वाले ठेकेदार को कम मात्रा में रेत मिल सकती है। इसका फायदा नीलामी लेने वाले ठेकेदार को कम और अवैध बालू खनन कर्ता को ज्यादा हो सकता है। रेत खनिज से अवैध रेत खनन की संभावना को लेकर कुछ ठेकेदारों ने खनन विभाग से शिकायत भी की है। इस मामले को ध्यान में रखते हुए जिला अधिकारी के आदेश में उन रेत खनिज पर राजस्व और पुलिस कर्मियों की नियुक्ति का आदेश दिया गया है।

    रात में पुलिसकर्मी की नियुक्ति

    जलगांव के तहसीलदार नामदेव पाटील ने आदेश किया है कि राजस्व विभाग द्वारा नियुक्त बैठक दल में नायब तहसीलदार, मंडल अधिकारी, पुलिसकर्मी और  तलाठी को शामिल करें। एक दिन में तीन शिफ्ट में टीम नियुक्त की जाए। प्रत्येक शिफ्ट में केवल दो कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए। महिला कर्मचारियों को प्रति दिन केवल दो शिफ्टों में नियुक्त किया जाए। जिला अधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि पुलिस आरक्षकों की नियुक्ति केवल रात की शिफ्ट में की जाए। रेत तस्करों पर मोक्का कानून के अनुसार कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।

    जिले में खनन अधिकारी नहीं

    वर्तमान में जिला में खनन विभाग में विगत तीन महीने से कोई भी गौण खनन पदाधिकारी नहीं है। तत्कालीन जिला गौण खनन अधिकारी दीपक चव्हाण को मार्च 2022 के दौरान नंदुरबार जिला गौण खनन अधिकारी के पद पर स्थानांतरित किया गया था। तब से अतिरिक्त पदभार दीपक चव्हाण संभाल रहे थे।  लेकिन नवंबर 2022 से चव्हाण से यह अतिरिक्त पद वापस ले लिया गया। अब जिला गौण खनिज अधिकारी पद खाली हैं। इससे यह देखने में आया है कि जिले में अवैध रेत खनन पर कोई रोक नहीं है और रेत परिवहन में भारी वृद्धि हुई है।

    राजस्व पर परिणाम

    जिले में नवंबर दिसंबर के बीच रेत खनीजों का ई-नीलामी किया जाना था। लेकिन नीलामी की स्थगिती के साथ कोई खनिज अधिकारी न होने से वाहनों पर कौन कार्रवाई करेगा, रेत माफियाओं के हमलों का कौन सामना करेगा इस डर के कारण रेत माफियाओं को खुली छूट मिल गई है और भारी मात्रा में रेत खनन अवैध रूप से किया जा रहा है। विभाग और पुलिस की गश्ती टीम भी सुस्त हो गई है, ऐसे में अवैध खनन के कारण प्रशासन के राजस्व पर बुरा परिणाम होता दिखाई दे रहा है। लेकिन गौण खनन पदाधिकारी के न होने से यह कार्रवाई भी ठंडे बस्ते में है और लाखों के राजस्व का नुकसान हुआ है। साथ ही राजस्व विभाग के प्रशासनिक परिसर में अभी भी डंपर व ट्रैक्टर जब्त हालत में खड़े हैं।