गणेश उत्सव पर महंगाई का असर, कीमतों में 20 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी

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    धूलिया : इन दिनों सभी गणेश उत्सव (Ganesh Festival) की राह देख रहे हैं। पिछले दो सालों से कोरोना के प्रतिबंधों के कारण गणेश उत्सव मनाने पर सरकारी पाबंदियों के चलते गणेश उत्सव मनाने पर भी रोक लगा दी गई थी। इस साल लोगों में उत्सव मनाने का भारी उत्साह देखा जा रहा है लेकिन महंगाई के कारण बाजारों में हर वस्तू महंगाई (Inflation) हो गई है। सरकारी द्वारा हर वस्तू पर जीएसटी लगाए जाने से जिले में गणेश की मूर्तीयां भी महेंगी हो गई हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस साल हर आकार की मूर्ती के दामों में 20 और 20 से अधिक प्रतिशत बढ़ोतरी (Increase) हुई है। जिले में हर कोई गणेशोत्सव का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। गणेश भक्तों ने तैयारी शुरू कर दी है क्योंकि इस साल गणेशोत्सव बिना किसी रोक-टोक के मनाया जाएगा। गणेश प्रतिमाओं की बिक्री भी हो रही है। लेकिन इस साल गणेश जी की मूर्ति के कच्चे माल पर जीएसटी लगने से रेट बढ़ गए हैं। पीओपी की कीमत में करीब 40 से 50 फीसदी की इस बढ़ोतरी से गणेश प्रतिमाओं के दाम करीब 20 फीसदी बढ़ गए हैं। 

    दो साल पहले संक्रामक बीमारी कोरोना ने दुनिया में हाहाकार मचा रखा था। इससे सभी की जिंदगी थम गई थी। भारत में भी प्रतिबंध लगा दिए गए थे। इस कारण सभी त्योहारों को कोरोना के नियमों का पालन करते हुए मनाना पड़ा। लेकिन इस साल सभी धार्मिक त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाए जा रहे हैं क्योंकि प्रतिबंध हटा दिए गए हैं। अगले महीने हर जगह गणेशोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। मूर्तिकार सुरेश कुंभार ने बताया कि बढ़ती महंगाई के कारण पेंट, मिट्टी और कारीगरों की लागत में वृद्धि के कारण, गणेश मूर्तियों की कीमत पिछले साल की तुलना में इस साल 20 प्रतिशत अधिक होगी। 

    गणेशोत्सव मनाने की अनुमति

    कोरोना के दो साल बाद बिना किसी रोक-टोक के गणेश उत्सव मनाया जाएगा। इसके लिए मूर्तिकार का 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। देश और राज्य में प्रतिबंधों में ढील दी गई। राज्य सरकार ने इस साल बिना किसी रोक-टोक के गणेशोत्सव मनाने की अनुमति दे दी है। इससे गणेश भक्तों के साथ-साथ जनता में भी उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है।