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    रावेर : यहां पंचायत समिति (Panchayat Samiti) में स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय घोटाले (Toilet Scam) के 6 संदिग्ध आरोपियों (Accused) को कल न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया गया है। वहीं, बाकी 6 संदिग्धों को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। करीब डेढ़ करोड़ रुपए के इस शौचालय घोटाले के सभी 12 संदिग्ध आरोपियों की पुलिस हिरासत कल समाप्त हो गई और उन्हें यहां की अदालत (Court) में पेश किया गया। 

    इनमें मुख्य आरोपी समाधान निंभोरे, विलास सावकारे, सतीश पाटिल, महेंद्र गाधे, पंचायत समिति विस्तार अधिकारी दीपक संदांशिव और सेवानिवृत्त विस्तार अधिकारी डीएच सोनवणे, सभी 6 व्यक्तियों को 2 दिन यानी 22 जुलाई तक की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पंचायत समिति के मुख्य लेखाकार लक्ष्मण पाटिल, विवरा खुर्द उप-सरपंच बाबूराव पाटिल, रवींद्र रायपुरे, नजीर तडवी, रूबाब तडवी और नवाब तडवी को न्यायिक हिरासत में दिया गया। रुबाब तडवी और लक्ष्मण पाटिल की जमानत याचिका अदालत में दायर की गई थी जिसपर 22 जुलाई को जांच अधिकारी और सरकारी वकील का पक्ष सुनने के बाद फैसला लिया जाएगा। 

    जमानत पर फैसला 28 जुलाई को

    मामले में अ‍ॅड. धनराज पाटिल और अ‍ॅड. न योगेश गजरे ने संदिग्धों की ओर से कार्रवाई की। इस बीच, भुसावल की सत्र अदालत इस शौचालय घोटाले के एक अन्य संदिग्ध आरोपी मंजुश्री पवार की जमानत अर्जी पर आगे नहीं बढ़ सकी। न्यायाधीश के अवकाश पर होने के कारण यह कार्य नहीं हो सका। इसलिए अब उनकी गिरफ्तारी से पहले जमानत पर फैसला 28 जुलाई को लिया जाएगा।