जानें क्यों बंद है जलगांव का ये दोनों फुले बाजार, व्यापारियों का महानगरपालिका पर मोर्चा

    Loading

    जलगांव : यहां टावर चौक बाजार में व्यवसायिक दुकानों (Commercial Shops) के सामने खुली जगह में दुकान लगाने को लेकर व्यापारियों (Traders) और रेहड़ी (Street Vendor) वालों के बीच जुबानी विवाद हो गया। इस विवाद के कारण मारपीट हो गई। दुकानदार की पिटाई के विरोध में फुले बाजार (Flower Market) और सेंट्रल फुले बाजार (Central Flower Market) में व्यापारियों ने बंद का आह्वान किया और महानगरपालिका प्रशासन (Municipal Administration) के खिलाफ प्रदर्शन किया। जलगांव शहर में महानगरपालिका के स्वामित्व वाले 15 से 18 व्यावसायिक परिसर हैं। इनमें से कई व्यावसायिक परिसरों में, कई मालिकों ने दुकान से सटे या सामने की खाली जगह को किराए पर या बदले में दे दिया है। साथ ही कोरोना काल में और उससे पहले भी कई बार महानगरपालिका प्रशासन सब्जी विक्रेताओं और अन्य सामान बेचने वालों को कई जगहें बांट चुका है। 

    दुकानदारों के अतिक्रमण और रेहड़ी वालों की जिद के कारण सड़क पर ट्रैफिक जाम होता है और आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। दूसरी ओर महानगरपालिका के व्यावसायिक परिसरों में दुकानों के बगल में खुली जगह में मालिकों ने ही किराए पर या दैनिक आधार पर जगह दी है। इन फुटपाथ विक्रेताओं के अतिक्रमण से कई बार विवाद हो चुका है। गुरुवार सुबह महात्मा फुले और सेंट्रल फुले बाजार में इसी प्रकार का एक विवाद इतना बढा कि बात मारपीट तक पहुंच गई। दुकान लगाने को लेकर फुटपाथ विक्रेता और दुकानदार के बीच कहासुनी हुई और मामला मारपीट में बदल गया। 

    महानगरपालिका पर बोल हल्ला 

    इसको लेकर महात्मा फुले और सेंट्रल फुले बाजार के व्यापारियों ने बंद का आह्वान किया और महानगरपालिका भवन के सामने नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। टावर चौक बाजार में व्यापार लेन के सामने खुली जगह में दुकान लगाने को लेकर फुटपाथ पर व्यापारियों और वेंडरों के बीच हुए विवाद को लेकर गुरुवार की सुबह सभी व्यापारियों ने बंद का आह्वान किया और महानगरपालिका पर हल्ला बोल दिया। लेकिन महानगरपालिका प्रशासन के आयुक्त या उपायुक्त के उस समय मौजूद नहीं होने के कारण व्यापारियों ने काफी देर तक प्रशासनिक भवन परिसर में धरना दिया। दोपहर तीन बजे तक प्रशासन की ओर से कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं होने के कारण आखिरकार व्यापारी जिला अधिकारी कार्यालय पहुंच गए। 

    दो आयुक्तों की लड़ाई, जनता परेशान

    महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. विद्या गायकवाड़ का दो महीने पहले तबादला कर दिया गया था और उनके स्थान पर परभणी कमिश्नर देवीदास पवार को कमिश्नर नियुक्त किया गया था। इसके खिलाफ डॉ. विद्या गायकवाड़ ने मैट में याचिका दायर की थी। इसका नतीजा भी सोमवार गायकवाड़ के पक्ष में आ गया जिसके अनुसार जलगांव महानगरपालिका कमिश्नर का पद डॉ. विद्या गायकवाड़ को सौंपा गया। उसके बाद कमिश्नर देवीदास पवार को अपील करने के लिए पांच दिन का समय दिया गया है। इन दोनों आयुक्तों के बीच की समस्या सुलझने के बजाय बढ़ती नजर आ रही है और नागरिकों को इसका खमियाजा भुगतना पड़ रहा है।