Municipal corporation is supplying dirty water in the city

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    भुसावल. जंक्शन स्टेशन (Station) में बसी नगरपालिका (Municipality) वर्तमान में मानो अव्यवस्था (Chaos) और नागरिक (Citizens) सुविधाओं से कोसो दूर नजर आती है, साथ ही नागरिक इस बात से परेशान है की उनकी मूलभूत सुविधा (Basic Facilities) के लिए कर के नाम पर टैक्स (Tax) के रूप में पैसे तो लिए जाते है और टैक्स न भरने पर बैंड बाजा (Band Baaja) बारात निकाली जाती है। लेकिन तस्वीर का दूसरा रूप देखे तो मामला बिल्कुल ही उल्टा है।  एक ओर जहां शहर के रास्ते इतने खराब हो चुके है की लोग उस पे चल नहीं सकते है ऐसे स्थिति में लोग अपनी जान जोखिम में डालकर मानो अपनी दो पहिया वाहन मौत के कुऐ में चलाने के समान है।

    जिसको भुसावल निवासी ये कारनामा आए दिन कर रहें है। जिसका कभी कभी खामियाजा भी भुगतना पड़ता है क्यों की बारिश के दिनों में अक्सर खराब रोड जो तालब बन जाते है राहगीरों को अंदाजा नहीं होता और वो दुर्घटना का शिकार हो जाते है, फिर अस्पताल में उस रोड से ले जाना एक कठिन कार्य होता है। डॉक्टर के पास ले जाते ही वह भी समझ जाते है की मरीज को क्या मर्ज है। भुसावल में पानी की समस्या को देखे तो लोगो को पानी मोहाया कराने के लिए शहर में अमृत योजना को लागू किया गया था, ताकि इसके लाभ के लिए भविष्य की 50 वर्षीय योजना को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने भुसावल में अमृत योजना को मंजूरी दी थी, लेकिन सच तो ये है की वर्तमान में बिना किसी उचित उपचार के शहर में लोगों को गंदे और मट्टियल पानी की आपूर्ति की जा रही है और इस अशुद्ध जल आपूर्ति के कारण नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में है। 

    शहर में पहले ही डेंगू का खतरा बना हुआ है और उसके ऊपर नगर पालिका के दूषित पानी से नागरिकों को कई तरह की बीमारियां होना लाजमी है।  नागरिकों का कहना है की नगर प्रशासन से तो पहले समय पर पीने का पानी नहीं मिलता है और हाल के दिनों में जो पीने का पानी मिल रहा है वो दूषित, अशुद्ध गंदे और मट्टियल पानी की आपूर्ति हो रही जिसके कारण कोरोना की तीसरी लहर और डेंगू के प्रकोप में ये पानी कई बीमारियों को न्यौता देगा।  लोगो का कहना है की नगर पालिका तुरंत इस समस्या का समाधान करे और फिल्टर प्लांट अगर खराब हो तो उसकी मरमात करे, शहर में जहां पीने की पाइप लाइन जहा जहा लीकेज हो उसको दुरुस्त करे और भुसावल वासियों के स्वास्थ का पूरा ध्यान रखे वरना शहर में लोग कोरोना की तीसरी लहर से भी ज्यादा दूषित पानी कहीं घातक न हो जाए।