बादल छाए रहने से रबी फसलों पर कीट प्रकोप की संभावना, यह छिड़काव फसल के लिए लाभकारी

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    जलगांव : जिले में पिछले कुछ दिनों से गुलाबी ठंड उतरी है और बादल (Cloud) छाए हुए हैं। मौसम विभाग (Meteorological Department) ने अनुमान जताया है कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण सुबह के समय घने कोहरे और दोपहर में धूप निकलने के साथ कुछ मिश्रित बादल छाए रहेंगे। इससे जिले में रबी फसलों (Rabi Crops) पर कीट प्रकोप (Pest Outbreak) की संभावना बनी हुई है और फसल की वृद्धि और उपज भी प्रभावित हो रही है। 

    मानसून के दौरान, खरीफ के मौसम में बारिश ने शुरुआत में कुछ राहत प्रदान की जिससे फसलों की वृद्धि प्रभावित हुई और भारी नुकसान हुआ। रबी में इसके भर जाने की उम्मीद में किसानों ने गेहूँ, हरबरा, मक्का आदि की करीब 20 से 22 प्रतिशत किस्में बोई हैं। लेकिन रविवार शाम से ही जलगांव जिले समेत राज्य के कुछ हिस्सों में बादल छाए रहे। बादल छाए रहने के कारण चने में पत्ती खाने वाली इल्ली, रबी की ज्वार पर काला कीड़ा, गेहूँ में तम्बेरा और कपास में छेदक कीट गुलाबी सुंडी के प्रकोप की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि कीट रोग के प्रकोप से कृषि फसलों के उत्पादन में कमी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। 

    क्या फसलें विकास को प्रभावित करेंगी?

    बादल छाए रहने के कारण ठंडक कम होने से रबी फसलों पर इसका असर पड़ने की संभावना है। ठंड कम होने से गेहूँ, हरबरा, रबी ज्वार जैसी फसलें प्रभावित होने के साथ ही विकास अवरूद्ध होने की संभावना है। – नीलेश झांबरे, तालुका कृषि अधिकारी, जलगांव। 

    इन-स्ट्रीम कीटनाशक का छिड़काव करें

    बादल छाए रहने के कारण फसल में संक्रमण होने की स्थिति में सिफारिश के अनुसार अंतः प्रवाही कीटनाशक का छिड़काव तुरंत किया जाना चाहिए। मूंग की पत्ती खाने वाली सुंडी के नियंत्रण के लिए क्युनॉल फास्ट या क्लोरोफाइसी फास्ट जैसे कीटनाशकों का छिड़काव करें। गंध जाल स्थापित किया जाना चाहिए। गेहूँ पर तंबेरा के नियंत्रण के लिए 2 से 2.5 ग्राम डायथेन एम-45 प्रति लीटर पानी के घोल का छिड़काव करें। सोरघम एफिड्स के नियंत्रण के लिए 5 प्रतिशत निम्बोली अर्क 5 मिली। घोल को प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। थियाम जोक्स 25 प्रतिशत दानेदार 150 ग्राम 500 लीटर पानी में या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत द्रव 140 ग्राम 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने से कीट कीटों के कारण उपज हानि को कम करने में मदद मिलेगी। – संभाजी ठाकुर, जिला कृषि अधीक्षक, जलगांव।