जलगांव : पुलिस (Police) और राजस्व विभाग (Revenue Department) की उदासीनता के कारण ताप्ती (Tapti), गिरना (Girna) सहित अन्य नदियों से दिन रात बालू खनन (Sand Mining) तस्करी जोरों पर है। जिसके फलस्वरूप सड़कों पर तेज गति डंपर मासूम लोगों को मौत के घाट उतार रहे हैं। पुलिस ने दिखावे के लिए गिरना नदी से बालू ले जा रहे ट्रैक्टर पकड़ कर केस दर्ज किया है। पालकमंत्री गुलाबराव पाटिल (Guardian Minister Gulabrao Patil) के पैतृक गांव में रेत माफिया सक्रिय हैं। पुलिस राजस्व विभाग की मिलीभगत से रेत माफिया के हौसले बुलंद हैं। इस गोरखधंधे में पुलिस और राजस्व विभाग मलाई काट रहा है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गिरना नदी से अवैध रूप से रेत का परिवहन करने वाले ट्रैक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की है, जो शहर के करीब होने के साथ ही पालकमंत्री गुलाबराव पाटिल के पैतृक गांव के करीब हैं। इस घाट से दिन दहाड़े बालू खनन और तस्करी आम बात है। पुलिस और राजस्व विभाग के आशीर्वाद से सड़कों पर रेत माफिया के ट्रक टेक्ट्रर और डंपर सरपट दौड़ रहे हैं। धरंगाव पुलिस ने बालू से भरे ट्रैक्टर को शनिवार को जब्त कर मार्च एंड की खानापूर्ति की है। इस कारवाई में चालक के खिलाफ धरनगांव पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने रेत ट्रैक्टर को कब्जे में लिया
अधिक जानकारी यह है कि धरनगांव पुलिस स्टेशन की पुलिस को जलगांव शहर के समीप गिरना नदी तट से रेत के अवैध परिवहन की गोपनीय सूचना मिली थी। इसी क्रम में शनिवार 25 मार्च को धरनगांव पुलिस ने बंभोरी गांव के कब्रिस्तान के समीप अवैध रूप से रेत का परिवहन कर रहे ट्रैक्टर क्रमांक (MH-19-B-0106) को पकड़ा है। जब रेत परिवहन का लाइसेंस मांगा गया तो उसने कहा कि लाइसेंस नहीं है। तदनुसार, रेत ट्रैक्टर को पुलिस ने जब्त कर लिया। पुलिस कांस्टेबल रमेश सूर्यवंशी द्वारा दायर शिकायत के अनुसार, ट्रैक्टर चालक नितिन सुरेश कोली बम्बोरी धरनगांव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जांच हेड कांस्टेबल गजानन महाजन द्वारा की जा रही है।
प्रशासन और पुलिस ने साधी चुप्पी
पाचोरा तहसील में सरकारी कार्यों के नाम पर बड़े पैमाने पर बालू घाटों पर रेत निकाली जा रही है जिसकी प्रति राजस्व विभाग उदासीनता भर्ती है रात के समय सड़कों पर बेखौफ ट्रक डंपर दौड़ा कर नागरिकों में खौफ पैदा किया जा रहा है। प्रशासन की मिलीभगत के कारण जिले की नदी को खोखला किया जा रहा है और पर्यावरण प्रेमियों में नाराजगी देखी जा रही है। इसी प्रकार की वारदात को रोकने के लिए अमलनेर में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने रेत माफिया का विरोध किया था जिसे गधों कुचल कर मौत के घाट उतार दिया इसके बावजूद जिला प्रशासन और पुलिस खामोशी से तमाशा देख रही है।