सड़क पर आ रहा कंचननगर में सीवेज का पानी,  दुर्गंध से नागरिक परेशान, प्रशासन कर रहा अनदेखी

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    जलगांव : कंचननगर के भैय्या वखार इलाके में सीधे सड़क (Road) पर सीवेज (Sewage) का पानी (Water ) बह रहा है। नतीजतन क्षेत्र में दुर्गंध (Foul Smell) के कारण रहवासी बीमार हो रहे हैं। नागरिकों का कहना है कि अमृत योजना के काम के बाद सड़क और नालियां फूटने के बाद से यह स्थिति बनी है। भैय्या वखार क्षेत्र के वार्ड नंबर 2 और 4 की सीमा पर स्थित है। दोनों वार्डों में मिलाकर 8 पार्षद हैं। सभी बीजेपी के हैं। जिस गली से सीमा रेखा गुजरती है उस पर किसी भी वार्ड के पार्षद ध्यान नहीं देते।

    पिछले तीन दिनों से सीवर ओवरफ्लो होने से पानी सीधे सड़क पर आ गया है। बच्चे इसी रास्ते से स्कूल जा रहे हैं। घर के सामने भारी मात्रा में कीचड़ और पानी जमा होने के कारण दुर्गंध का सामना करना पड़ता है। मच्छरों की आबादी बढ़ने से बीमारियां फैलने का डर बढ़ गया है। दो महीने में तीन बार नगर निगम में नागरिक शिकायत कर चुके हैं। इस क्षेत्र में नगर निगम से प्रतिदिन दो सफाई कर्मी आते हैं। लेकिन कुछ जगहों पर सफाई कर निकल जाते हैं। सीवर और नालियों की सफाई नहीं होने के कारण बरसात का पानी सीधे मानसून के मौसम में घर में प्रवेश कर जाता है। पिछले वर्ष नवंबर महीने में तत्कालीन उपायुक्त ने इस क्षेत्र का दौरा कर निरीक्षण किया था। इस समय उन्होंने सफाई निरीक्षकों, एकाधिकारियों, कर्मचारियों को निर्देश दिए थे। इसके बाद कुछ दिनों तक सफाई होती रही, लेकिन अब प्रदूषण फिर से बढ़ गया है। चौराहे पर कचरे का ढेर लगा है। इससे आक्रोशित नागरिकों ने नगर पालिका के खिलाफ मार्च निकालने की चेतावनी दी है। 

    ‘अमृत’ योजना के लिए पक्की सड़कें खोदने से समस्या बढ़ी

    पहले इस इलाके में पक्की सड़कें थीं। इन सड़कों को अमृत योजना के काम के लिए काटा गया था। कुछ नाले टूटे हुए थे। समय पर काम पूरा नहीं होने के कारण यहां सड़कें नहीं बची हैं। सीवेज ले जाने के लिए सीवर अपर्याप्त होते जा रहे हैं। आए दिन नगर निगम का पानी आता है तो पूरे इलाके में सीवरों में पानी भर जाता है। दो-तीन दिन से यह पानी सड़क पर बहता रहता है। इसलिए मांग की है कि सड़क व सीवर का कार्य समय से पूरा किया जाए। नगरसेवकों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि बार-बार शिकायत करने के बाद भी इस क्षेत्र में साफ-सफाई नहीं होती है। नालों का गंदा पानी सड़कों पर बहता है। बरसात के दिनों में यह पानी घरों में घुस जाता है। नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में है।