शिवसेना ने अनोखे अंदाज में किया महानगरपालिका और बीजेपी का विरोध, पानी नहीं मिलने से मटका फोड़ आंदोलन

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    धुलिया : सत्ताधारी बीजेपी (BJP) की उदासीनता और महानगरपालिका प्रशासन (Municipal Administration) की जल आपूर्ति (Water Supply) में सुनिश्चित योजना (Assured Planning) नहीं होने के कारण शहर में आठ से दिनों के बाद नलों से पानी की आपूर्ति की जा रही है। जिसके खिलाफ शिवसेना (Shiv Sena) ने आक्रमक भूमिका लेते हुए महानगरपालिका प्रांगण में मटका फोड़ो (Matka Burst) आंदोलन (Agitation) कर महानगरपालिका प्रशासन को ज्ञापन के साथ मटका भेट किया है।  

    शिवसेना ने महानगरपालिका कमिश्नर को दिए ज्ञापन में कहा है की शहर समेत पूरे जिले में जोरदार बारिश हो रही है। शहर में नाकाने, डेडर गांव, हरनमाल  अक्कलपाड़ा मध्यम परियोजना, तापी जलापूर्ति में पिछले दो महीने से पानी भर रहा है। पिछले जुलाई से पांचरा नदी ओवरफ्लो होकर झलक रही है। इसके बावजूद कमिश्नर, महापौर, स्थायी समिति के अध्यक्ष के गैर जिम्मेदाराना प्रशासन के कारण योजना के अभाव में धुलिया वासियों को हर 10-12 दिनों में कम दबाव से जलापूर्ति हो रही है। बरसात के मौसम में धुलिया वासियों का गला सूखा है।  

    क्षेत्रों में गंदे पानी की सप्लाई

    जनता ने जल समस्याओं को हल करने के लिए बीजेपी को भारी बहुमत से महानगरपालिका की सत्ता सौंपी थी। लेकिन जनप्रतिनिधि नगरसेवक सड़क और सीवरेज के बिल निकालने में ही व्यस्त हैं। विकास कार्य नगर में ठप पड़े है। नगर निगम के कमिश्नर कुंभ करणी नींद में होने के कारण नगर निगम में कोहराम मच गया है। इसका खामियाजा धुलेकरों को भुगतना पड़ रहा है। अनियमित जलापूर्ति के कारण नागरिक बेहाल हो गए हैं। शहर में तापी योजना और हनुमान टेकड़ी जल शोधन केंद्र के पंपिंग स्टेशनों के पंप खराब हो गए हैं। वर्तमान में केवल दो पंप काम कर रहे हैं और कई क्षेत्रों में गंदा पानी की आपूर्ति की जा रही है। नागांव बाड़ी राम नगर, माइक्रोवेव, मधु बापू माली, अशोक नगर, मोहाड़ी, मनमाड जीन, चक्कर बर्डी, चित्तोड़ रोड के जलाशयों को पर्याप्त मात्रा में नहीं भरा जा रहा है। लेकिन हर 10-12 दिनों में नलों से कम मात्रा में पानी की आपूर्ति की जा रही जिसके कारण नागरिक बहुत परेशान हैं। 136 करोड़ की जलापूर्ति योजना को महानगरपालिका के बीजेपी शासकों ने लपेट दिया है।  

    सरकार के करोड़ों रुपए बर्बाद हो गया हैं

    इस जलापूर्ति योजना के माध्यम से शहर में कई जगहों पर नए जलस्रोत बनाए गए। लेकिन सालों से इस पानी की टंकी में पानी की एक बूंद भी नहीं गिरी है। नतीजतन, मनमाड जीन की नई टंकी के बीच में स्लैब गिर गया है। इससे सरकार के करोड़ों रुपए बर्बाद हो गया हैं। गत चुनाव में बीजेपी हर रोज पानी देने का ऐलान कर महानगरपालिका पर जीत का परचम बहुमत से लहराया था। अब 10-12 दिनों से पानी की समस्या पर सत्ताधारी खामोश बैठे हैं। इस तरह शिवसेना ने बीजेपी पर निशाना साधा है। सत्ता धारी और महानगरपालिका प्रशासन की लापरवाही अक्षम योजना के कारण ही धुलेकर नागरिक संकट में हैं।  समस्याओं का समाधान करने में से विफल रहा है।

    शिवसेना ने महानगर प्रशासन और सत्तारूढ़ बीजेपी का विरोध किया

    नागरिक को अधिकारियों से हर दिन नहीं बल्कि कम से कम हर पांच दिन में नियमित रूप से पानी आपूर्ति करने की अपील करनी पड़ती है। इन सभी मामलों में नगर निगम ने बेशर्मी की साड़ीहदे पार कर दी है। शिवसेना ने महानगर प्रशासन और सत्तारूढ़ बीजेपी का विरोध किया है। अगले 5 दिनों में सभी क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति सुचारू नहीं होने पर गंभीर आंदोलन शुरू करने की धमकी दी है।