एसटी कंडक्टर ने की आत्महत्या

  • लॉकडाउन का प्रकोप, समय पर नहीं मिला वेतन

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जलगांव. पिछले 3 माह से वेतन नहीं मिलने से एसटी विभाग के ड्राइवर और कंडक्टर समेत सभी कर्मचारी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. इसी के चलते यहां से नजदीकी कुसुम्बा में एक कंडक्टर ने आत्महत्या कर ली.मनोज चौधरी नामक कंडक्टर ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था.यह पुलिस को मिल गया है. सुसाइड नोट में पीड़ित ने उसकी मौत के लिए ‘एसटी विभाग और मराठी लोगों की ठाकरे सरकार जिम्मेदार’ होनी की बात लिखी है.

एसटी विभाग में पिछले 3 महीनों से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिले हैं. इसके कारण हजारों कर्मचारी और उनके परिवार पर भूखे रहने की नौबत आयी हुई है.इसी परेशानी के चलते जलगांव डिपो में कंडक्टर के पद पर कार्यरत मनोज चौधरी अपना जीवन समाप्त कर लिया.मनोज चौधरी ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा है. इसमें कहा गया कि” एस.टी. निगम में कम वेतन और अनियमितताओं से तंग आकर मैं आत्महत्या कर रहा हूं. संगठनों को मेरा पी.एफ. और एलआईसी मेरे परिवार को दिलाने के लिए प्रयास करना चाहिए”.

 कोरोना महामारी से लगाए गए लॉकडाउन  के कारण एसटी कॉर्पोरेशन को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और कर्मचारियों का वेतन ठप है. इसी के चलते यह आत्महत्या हुई है. इस बीच, पूर्व मंत्री तथा विधायक गिरीश महाजन, भाजपा जिलाध्यक्ष एवं  विधायक सुरेश भोले, नगरसेवक कैलास सोनवणे, पूर्व जिला परिषद सदस्य राजधर पांढरे, स्वास्थ्य दूत अरविंद देशमुख, पीतांबर भावसार ने जिला अस्पताल पहुंचकर पीड़ित परिवार को सांत्वना दी.

महाजन ने सरकार पर साधा निशाना

इस समय महाजन ने कहा कि सरकार सुचारु रूप से नहीं चल रही है. वैसे यह सरकार ही कौन चला रहा है. यह उनके समझ से परे दिखाई दे रही है. इस सरकार ने गैंडे की खाल पहनी हुई और जिससे संवेदनाएं मर गयी हैं. इस तरह की अप्रिय घटनाओं पर रोक लगाने के लिए एसटी महामंडल को कर्मचारियों के वेतन का भुगतान तुरंत करना चाहिए. सरकार ने अपना होश खो दिया है और हर क्षेत्र में विफल हो रही है.