हड़ताली कर्मचारियों ने महामोर्चा निकाल कर किया शक्ति प्रदर्शन

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धुलिया : राज्य सरकार (State Government) के कर्मचारियों (Employees) ने हड़ताल के चौथे दिन शुक्रवार को महामोर्चा (Mahamorcha) निकाल कर शक्ति प्रदर्शन (Show of Strength) का एहसास कराया। ड्रेस कोड के साथ निकाले गए इस महामोर्चा में शामिल लोगों ने सरकार के विरोध में नारेबाजी की। महामोर्चा संतोषी माता मंदिर के पास कल्याण भवन से जेल रोड क्षेत्र में निकाला गया। महामोर्चे में विभिन्न संगठनों ने अपने-अपने संगठनों के बैनर और ड्रेस कोड के साथ ‘एक मिशन पुरानी पेंशन’, ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’, ‘पेंशन हमारा अधिकार है। महामोर्चे में कर्मचारी शिक्षकों में रोष की भावना नारे के माध्यम से और विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों की ओर से व्यक्त की गई, इससे पहले, हड़तालियों ने पुरानी पेंशन अध्ययन समूह समिति के सरकार के फैसले का विरोध किया।

निजी कंपनियां एक लाख कर्मचारियों, अधिकारियों और शिक्षकों को अनुबंध के आधार पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरेगी, साथ ही कर्मचारियों ने हड़ताल को अवैध बताते हुए एड. सदावर्ते ने कोर्ट में दायर की याचिका महिला कर्मचारी एड. सदावर्त की छवि को जलाया गया है। समन्वय समिति जहां इस मांग पर अड़ी है कि सरकार सभी शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना लागू करने की नीति घोषित करे, वहीं सरकार जानबूझकर हड़तालियों को भड़का कर हड़ताल तोड़ने की साजिश रच रही है। सरकार ने साफ कर दिया है कि वह पुरानी पेंशन योजना को स्वीकार करने में जल्दबाजी नहीं करेगी, जिससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। 

मोर्चा में ये लोग उपस्थित 

कल्याण भवन, शिवतीर्थ, टावर बागी, आगरा रोड, झांसी रानी पुतला, जेल रोड से महामोर्चा सभा में तब्दील हो गया। महामोर्चे में संजय पाटिल, बलराज मगर, अशोक चौधरी, सुधीर पोतदार, दिनेश महाले, वनराज पाटिल, संजय पवार, राजेंद्र नांद्रे, भूपेश वाघ, राजेंद्र पाटिल, के डी. पाटिल, राजेंद्र माली, दीपक रसाने, सुरेश बहालकर, भूषण पाटिल, जयदीप पाटिल आदि उपस्थित थे। महामोर्चा में किशोर पगारे, संजय गुंडलेकर, राहुल पवार, नरहर पाटिल, ध्यानेश्वर बाविस्कर आदि ने अनिश्चितकालीन हड़ताल को सफल बनाने और अपनी मांगों के पूरी होने तक पीछे नहीं हटने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।