महानगरपालिका और पुलिस प्रशासन मायूस, फुले बाजार के अतिक्रमणकारियों में किसी का खौफ नहीं

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    जलगांव : शहर के फूल मार्केट (Flower Market) में पिछले हफ्ता दुकानदारों (Shopkeepers) और फेरीवालों (Hawkers) के बीच कहासुनी के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था। उसके बाद शहर के सेंट्रल फुले और महात्मा फुले मार्केट के व्यापारियों ने बाजार में फेरीवालों के अतिक्रमण (Encroachment) के खिलाफ स्थायी कार्रवाई करने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक, जिला अधिकारी, महानगरपालिका प्रशासन आदि को ज्ञापन देते हुए आंदोलन कर के एक दिन के लिए व्यापार बंद कर दिया था। 

    इसके बाद महानगरपालिका के अतिक्रमण प्रशासन ने अपनी टीम के साथ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी थी। शुक्रवार की शाम तक पूरे इलाके से अतिक्रमण साफ कर दिया गया था, साथ ही फेरीवालों को भी वहां से हटा दिया गया था। लेकिन दो दिन के बाद सोमवार को दोनों फुले मार्केट से पास अतिक्रमण पहले ही की तरह फिर से कर लिया गया। फेरीवाले हॉकर्स अपनी जगह पर आकर खड़े हो गए। 

    ढोलकी जैसा अतिक्रमण विभाग

    बकाया टैक्स वसूलने या अतिक्रमण हटाने के लिए जब महानगरपालिका अतिक्रमण विभाग की टीम जाती है तो सख्त या दंडात्मक कार्रवाई किए जाने पर फेरीवालों का समर्थन करने वाले संगठन खड़े हो जाते हैं। इसके अलावा जब टीम दुकानदारों के पास बकाया राशि की वसूली के लिए जाती है, तब भी दुकानदार संघ आक्रामक हो जाता है और दुकानदारों के मुद्दे को तत्परता से उठता है। तो एक्शन टीम हाथ हिलाकर वापस आ जाती है और कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से फेरीवाले बेरोकटोक फुले मार्केट ही नहीं बल्कि अन्य सड़कों पर भी पैर जमा चुके हैं। 

    सख्ती नहीं तो डर नहीं 

    जब कार्रवाई की जाती है तो विरोध किया जाता है। संगठन मोर्चे निकालते हैं, शहर में अतिक्रमण करने वालों को कानून का कोई भय नहीं है। वहीं फुले मार्केट में हो रहे अतिक्रमण से जाहिर है कि बाजार सहित अन्य क्षेत्रों के चोरों को न केवल पुलिस का डर है, बल्कि अतिक्रमणकारियों को महानगरपालिका और पुलिस की कार्रवाई का भी डर नहीं है। विभागों को इस स्थिति के लिए सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है। 

    अगर व्यापारी फुले मार्केट में अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ पुलिस और महानगरपालिका से स्थायी उपाय करने की मांग भी करते हैं, तो ये उपाय कौन करेगा? ऐसा सवाल उठाया जा रहा है। गोलानी मार्केट में स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर तत्कालीन उप जिला अधिकारी जलज शर्मा और प्रभारी आयुक्त किशोर राजे निंबालकर ने सफाई अभियान चलाकर गोलानी मार्केट की पार्किंग सहित अन्य समस्याओं के समाधान का प्रयास किया था। लेकिन किसी ने कलेक्टर और प्रभारी आयुक्त पर आरोप लगाया था कि बड़े गुट द्वारा कमीशन लेने का प्रयास किया जा रहा है। इसलिए तत्कालीन जिला अधिकारी ने इसमें सुधार के प्रयास छोड़ दिए। कुल मिलाकर हर जगह माहौल है कि हम सुधरेंगे नहीं, सुधरने भी नहीं देंगे और किसी को सुधारने भी नहीं देंगे।