कोरोना की दहशत से मास्क का पुनरागमन

    Loading

    जलगांव : पिछले कुछ दिनों से चीन में कोरोना (Corona) मरीजों (Patients) की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए कोरोना के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के प्रादुर्भाव होने के कारण सतर्कता को ध्यान में रखते हुए एक बार मास्क (Mask) का आगमन हो गया है। भारत में कोरोना के नए वेरिएंट के कुछ मरीज सामने आने की वजह से यात्रा करने वाले नागरिकों के साथ-साथ शहर में बहुत से स्थान पर छोटे बच्चे, महाविद्यालय के विद्यार्थियों समेत सर्वसामान्य नागरिकों ने पहले के अनुभव को ध्यान में रखते हुए मास्क का उपयोग करना शुरू कर दिया है। 

    तीन वर्ष पहले दिसंबर 2019 के मध्य में चीन के वुहान शहर से पूरे विश्व में कोरोना वायरस फैला था, जिसके परिणाम भारत में शुरू में नहीं देखे गए, लेकिन बाद में कोरोना ने जिस तेजी से अपने पैर फैलाए कि सब कुछ बंद करना पड़ा। सरकार की ओर से नागरिकों को सुरक्षा के उपाय बताएं और लोगों ने उसका पालन किया, लेकिन बचाव के तमाम मार्गों का उपयोग करने के बावजूद देश भर में बहुत से लोगों की कोरोना के कारण मौत हुई थी। जलगांव में भी कोरोना के कारण बहुत से लोगों की जान चली गई थी। एक बार फिर कोरोना के नए वेरिएंट के आने और उससे कुछ लोगों के प्रभावित होने के मद्देनजर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जलगांव के लोगों ने जागरूकता दिखाते हुए मास्क का उपयोग करना शुरू कर दिया है। कोरोना संक्रमण निवारण नियमों को हटाने के बाद जून के अंत तक सामान्य यात्रियों के लिए सामान्य टिकट और मासिक पास सेवा शुरू की गई, लेकिन नियमित ट्रेनों की संख्या को पहले के मुकाबले कम कर दिया गया। 

    पूर्व अनुभव के आधार पर बचाव के प्रति जागरूकता दिखा रहे लोग

    जलगांव जंक्शन स्टेशन, जो भरा हुआ दिखता है, वहां कुशीनगर और अप रूट पर नवजीवन, गोरखपुर, बांद्रा, गोवा, झेलम के साथ-साथ इगतपुरी मेमू पैसेंजर ट्रेनों में भीड़ कम देखी जा रही है। हालांकि अभी सरकारी स्तर पर मास्क लागू नहीं किया गया है, फिर भी कोरोना महामारी के पुर्नप्रसार के भय को देखते हुए  बहुत से यात्रियों ने रूमाल और मास्क का उपयोग करना शुरु कर दिया है। कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में जलगांव में अधिकांश क्षेत्रों में लोग मास्क लगाए हुए दिखायी देंगे। सरकार की ओर से मास्क की अनिवार्यता से पहले ही लोगों के मास्क लगाने से यह स्पष्ट हो गया है कि कोरोना महामारी को लेकर लोगों ने जिस तरह का अनुभव किया था, उसके आधार पर उन्होंने कोरोना काल में अपनाए गए नियमों का फिर से पालन करना शुरू कर दिया है।