लघु सिंचाई अधिकारी की मनमर्जी से ठप पड़ा काम-काज

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    जामनेर : लघु सिंचाई विभाग (Minor Irrigation Department) अपने प्रमुख के सनकी रवैये (Cynical Attitude) से चर्चा का विषय बना है। विभाग के प्रमुख का नाम वी. पी. पाटील (V.P Patil) जो कि उपविभागीय अभियंता (Sub Divisional Engineer) के पद पर कार्यरत है। पाटील पूरे हफ्ते के पांच दिन के काम-काज मे चार दिन जलगांव डिवीजन (Jalgaon Division) मे बिताते है। अगर जामनेर आने का मन हुआ तो गुरूवार को पधारते है। लघु सिंचाई के अधिकार क्षेत्र मे आने वाले छोटे बड़े डैम के विस्थापित किसानों को लाभ क्षेत्र के दाखिलों (Admissions) के लिए तहसिल के दूरदराज के गांवो से जामनेर आना पड़ता है। ये आना जाना भी तब फल पाता है। जब पाटील दफ्तर आए हो अन्यथा नहीं। कई बार तो लाभ क्षेत्र के दाखिलों के लिए किसानों (Farmers) को जलगांव डिवीजन जाकर पाटील से मिलना पड़ता है। 

    कर्मचारियों ने तबादले करवा लिए

    इसमे किसानों को अपने विस्थापित होने पर समय और पैसो की बर्बादी की पीड़ा को झेलना पड़ता है। लघु सिंचाई के अधीन जो बांध है उनकी मरम्मत के लिए फाइल वर्क करने के लिए भी कमाल की लापरवाही बरती जा रही है। जिसके कारण आए दिन अखबारों मे बांधो के रख-रखाव को लेकर खबरे छपती रहती है। लेकिन पाटील के कान पर जु तक नही रेंगती। पाटील के काम करने के तरीके से खुश होकर दो कर्मचारियों ने अपने तबादले करवा लिए है। 

    सिंचाई विभाग के किसी भी विभाग में इतने सूचना अधिकार फाइल नहीं हुए होंगे जितने पाटील के आने के बाद लघु सिंचाई मे हुए है। RTI का इतना फ्लो किस बात की ओर इशारा करता है। पारदर्शी प्रशासन की ओर या फिर प्रशासन के नाम पर चलाए जाने वाले कुशासन की ओर, वैसे बताया जा रहा है कि पाटील को रिटायर्ड होने को बस कुछ महीने बचे है। तो इसका मतलब यह है की वरिष्ठ अधिकारियों की अपने ज्युनियर को लेकर प्रकट होने वाली अनुकंपा का खामियाजा जनता को भुगतना पड़े। लोगो से यह मांग की जा रही है कि वी. पी. पाटील को तत्काल प्रभाव से डिवीजन मे कहि नियुक्त कर उनकी जगह पर दूसरे अधिकारी को तलब किया जाए।