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    वरणगांव : अपर जिला पुलिस अधीक्षक के आदेश के अनुसार वरणगांव पुलिस (Varangaon Police) ने टहाकली इलाके में छापेमारी (Raids) की। इसमें 19 जुआरियों (Gamblers) के खिलाफ कार्रवाई (Action) की गई और उनके पास से एक लाख 56 हजार की राशि जब्त की गई। पहली बार वरणगांव क्षेत्र में कोई बड़ी कार्रवाई की गई है, जिससे वरणगांव और उसके आसपास के इलाके मे चर्चा जोर पर है।

    गणेशोत्सव के लिए आयोजित शांति समिति की बैठक के दौरान मुक्ताईनगर के अपर जिला पुलिस अधीक्षक चंद्रकांत गवली को गुप्त सूचना मिली कि वरणगांव पुलिस स्टेशन क्षेत्र के टहाकली-चिंचोल मार्ग पर होटल स्वप्नपूर्णा के पीछे बड़ी मात्रा में जुआ चल रहा है। तदनुसार जैसे ही वरणगांव में शांतता समिती की बैठक समाप्त हुई, उन्होंने वरणगांव पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक आशीष कुमार अडसुल, पुलिस उपनिरीक्षक परशुराम दलवी और अन्य पुलिस कर्मियों को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसी के चलते वरणगांव पुलिस ने शाम 6 बजे उक्त स्थान पर छापा मारा तो उस स्थान पर 19 जुआरी जुआ खेलते मिले। इनमें से दो जुआरी भागने में सफल रहे, जबकि पुलिस ने रुपए की नकद राशि बरामद की। इस वजह से अपर पुलिस अधीक्षक कैसे कर सकते हैं? गुप्त सूचना मिली। वरणगांव पुलिस क्यों? नहीं उनके आदेश पर कार्रवाई क्यों? वरणगांव पुलिस के मामले में ऐसे कई सवाल उठ रहे हैं और चर्चा सामने आ गई है। 

    इनके खिलाफ कार्रवाई की गई

    शेख अनवर शेख अकबर, शेख नईम शेख रहमान, नितिन निवृत्ति माली, महेंद्र कडू वंजारी (सभी निवासी वरनगांव), संजय विश्वनाथ पाटिल, प्रवीण दगडू पाटिल (बाकी वाडवे जिला मुक्ताईनगर), संजय श्रीराम चौधरी, विकास नारायण चौधरी, मनोहर देवराम पाटिल, अमोल काशीनाथ पाटिल (बाकी चिंचोल, मुक्ताईनगर), राजेश जगदीश पाटिल (बाकी कहूरखेड़े), गौरव अनिल तलेले, वैभव अशोक पाटिल (बाकी मुक्ताईनगर), सचिन सोपान इंगले (बाकी हर ताला), गोपाल रघुनाथ तायडे, देवीदास भीमराव सपकाले ( मानपुर), पद्माकर गोपाल पाटिल ( सूसरी) और दो जुआरी साधन बाजीराव पाटिल और वसंत भालभले फरार होने में कामयाब रहे। उक्त समस्त पुलिस के विरूद्ध अपर पुलिस अधीक्षक के अंगरक्षक चेतन प्रभाकर निकम। जलगांव की शिकायत पर वरणगांव पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था।