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    अमलनेर : पाडलसरे बांध (Padalsare Dam) संघर्ष समिति ने एक बार फिर आंदोलन (Movement) का झंडा उठाया है। गत चार दशक से इस परियोजना (Project) को पूरा नहीं किया गया है हर चुनाव में स्थानीय विधायकों से लेकर राज्यश्री नेताओं ने इस मुद्दे को भुनाया है। इसके परिणाम स्वरूप प्योजना पूरी नहीं हो सकी है। इसके चलते हजारों किसानों (Farmers) को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है और खेती के लिए पानी के लिए जूझना पड़ रहा है ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को खून पसीना और स्याही से 51 हजार पोस्ट कार्ड भेजिए हैं।

    संघर्ष समिति ने राजनेताओं और विधायकों का विरोध करने के लिए और नागरिकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए जगह जगह कार्टून के जरिए आश्वासन देने वाले नेताओं पर निशाना साधा है। पाडलसरे बांध जन आंदोलन समिति ने पाडलसरे बांध ताप्ती परियोजना को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री के नाम से 51 हजार पोस्टकार्ड लिखने कर 9 फरवरी को आंदोलन की घोषणा की है।

    चार दशक से अधिक समय से आंदोलन

    1999 से लेकर आज तक पाडलरसे बांध के शिलान्यास समारोह के बाद से इस बांध के पूरा होने को लेकर कई नेताओं और मंत्रियों ने अलग-अलग घोषणाएं की थीं। चुनाव आते ही घोषणाएं शुरु हो जाती हैं। चुनाव हो जाने के बाद नेता अपना किया वादा भूल जाते हैं। अमलनेर वासियों को यह अनुभव लगातार हो रहा है। बांध के मुद्दे पर चार दशक से अधिक समय से आंदोलन कर रही पाडलसरे बांध जन आंदोलन समिति ने समय-समय पर आंदोलन, ज्ञापन, मंत्रियों से मुलाकातों के माध्यम से इस मुद्दे को उठाया है। 

    हमारी सरकार ने पाडलसरे डैम के लिए 2771 करोड़ का फंड उपलब्ध कराया: फडणवीस 

    समिति द्वारा जब भी आंदोलन की गति तेज की जाती है, विभिन्न दलों के मंत्रियों और संबंधित विभागों और राज्य के प्रमुखों द्वारा जन आंदोलन को खत्म करने के लिए फिर से आश्वासन दे दिया है। घोषणा करने वाले भव्य कार्टूनों के होर्डिंग्स समिति द्वारा लगाए गए हैं और बड़ी संख्या में नागरिक मार्मिक बैनरों को पढ़ रहे हैं और इस मामले पर चर्चा कर रहे हैं। अप्रैल 2019 में लोकसभा चुनाव के मौके पर जब तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अमलनेर आए तो उन्हें पाडलसरे बांध जन आंदोलन समिति ने काले झंडे दिखाए थे। उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट किया था कि हमारी सरकार ने पाडलसरे डैम के लिए 2771 करोड़ का फंड उपलब्ध कराया है और डैम का काम तेजी से चल रहा है। 

    एनसीपी प्रत्याशी को विधायक बना दिया, फिर भी काम नहीं हुआ 

    इसके बाद जब अजित पवार ने अमलनेर में बैठक की तो अजित पवार ने कहा था की एनसीपी के विधायक निर्वाचित कर दो, मैं पाडलसरे बांध को पूरा करता हूं। ऐसा आश्वासन सार्वजनिक रूप से दिया था। अमलनेर की जनता ने विधानसभा चुनाव में एनसीपी उम्मीदवार को विधायक बनाया। आघाड़ी सरकार दो-तीन साल सत्ता में रही, लेकिन बांध का काम उम्मीद के मुताबिक पूरा नहीं हुआ। इसकी विडंबना को बोर्ड पर प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है। 

    अब तक पाडलसरे बांध को नहीं मिला न्याय 

    जलगांव लोकसभा क्षेत्र के सांसद उन्मेश पाटिल ने भी सार्वजनिक रूप से पाडलसरे बांध की मिट्टी अपने माथे पर लगा कर बांध को पूरा करने का प्रयास करने का वादा किया था। पाडलसरे बांध जन आंदोलन समिति ने हजारों नागरिकों की उपस्थिति में एक ऐतिहासिक मौन मोर्चा निकाला था। तत्कालीन जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने मोर्चे को संबोधित किया और घोषणा की कि इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए एक बैठक आयोजित की जाएगी। गुलाबराव पाटिल स्वयं समय-समय पर पाडलसरे बांध जन आंदोलन समिति के कार्यकर्ता के रूप में और विभिन्न कार्यक्रमों में उपस्थित रहे हैं और समय-समय पर इसकी घोषणा भी की है। लेकिन अब तक पाडलसरे बांध को न्याय नहीं मिला है।