जलगांव. कोरोना काल (Corona Period) में सरकार द्वारा लिए गए कुछ निर्णय जनता के अनुकूल नहीं रहे। भुसावल शहर (Bhusawal City) के कॉलेज पिछले वर्ष के मार्च से बंद है। जिसमें नहाटा कॉलेज, पी के कोटेचा महिला कॉलेज, भोले कॉलेज, पीपल्स कॉलेज, संत गाडगे बाबा कॉलेज, बियानी कॉलेज शामिल है। अब तक सिर्फ ऑनलाइन क्लासेस से शिक्षा को जारी रखा गया साथ ही मूल्यांकन परीक्षा भी ऑनलाइन लेने के विकल्प को चुना गया है। शहर के सभी कॉलेज जिसमें साइंस, आर्ट और कॉमर्स के अधिकांश बंद होने से महाविद्यालय के छात्र पढ़ाई से काफी दूर हो गए।
सरकार द्वारा दिवाली के बाद खोलने के संकेत मिल रहे है। लेकिन हालही में स्कूलों को खोलने पर पालकों और प्राध्यापको में हैरत की गई क्यों की बड़े बच्चों को कॉलेज से दूर रखा जा रहा और छोटे बच्चों को स्कूल्स में बुलाया जा रहा है। छोटे बच्चों के जब स्कूल खोले जा सकते है तो बड़े बच्चों के कॉलेज खोलने में क्या दिक्कत है। कॉलेजों को बंद रखने से छात्र का ही नुकसान हो रहा है। जबकि छोटे बच्चों को कोरोना का ज्यादा खतरा है नाकी बड़े बच्चो को बड़े बच्चे कोरोना के एक और दो डोज ले चुके है। ऑनलाइन परीक्षा के परिणाम 100 फीसदी लग रहे लेकिन छात्र को किताबो का ज्ञान 100 फीसदी नहीं मिल रहा है। घर में ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर बच्चे दिनभर मोबाइल से चिपके रहते है जिसमे पढ़ाई कम और गेम जायदा खेला जा रहा है। कॉलेज जाने वाले अधिकांश युवाओं का वैक्सीन का पहला डोज हो चुका है तो कुछ का दूसरा भी हो गया है।
अधिक दिक्कतें प्रोफेशनल कोर्सेस के छात्रों को आ रही है। पिछले वर्ष से कैम्पस नहीं हुए। नौकरी पर एक तरह से ब्रेक लग गया है। डिग्री हासिल करने के बाद भी छात्र घर पर बैठे है। यही वजह है कि अब कॉलेज खोले जाने चाहिए ताकि ग्रीष्म सत्र की परीक्षा ऑफलाइन पद्धति से ली जा सके। कॉलेजों के स्टॉफ का वैक्सीनेशन लगभग पूरा हो गया है। टीचिंग और नॉन टीचिंग दोनों ही कॉलेजों में आ भी रहे हैं। फिर सोशल डिस्टेसिंग और कोविड नियमों का पालन कर ऑफलाइन क्लासेस भी ली जा सकती हैं। जबकि साइंस के छात्रों ने पिछले वर्ष से प्रयोगशालाओं में कदम नहीं रखा है। यदि इसी माह से क्लासेस शुरू हो जातीं तो छात्रो को पढ़ाई और प्रैक्टिकल के लिए अवसर मिल जाता था। प्राध्यापकों का कहना है कि अब जब स्थिति सामान्य होने लगी है तो सरकार को देर नहीं करनी चाहिए। विवि प्रशासन ऑफलाइन परीक्षा लेने के लिए तैयार है। इस हालत में सरकार द्वारा जल्द कॉलेज खोले गए तो विवि प्रशासन को भविष्य के नियोजन के लिए समय मिल सकेगा।