Javed Akhtar-Kangana Ranaut : On the application of actress Kangana Ranaut filed in Javed Akhtar's defamation case, the court said – the judge acted judiciously without any prejudice
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    मुंबई: अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की यहां स्थित अदालत (Court) ने कहा कि अभिनेत्री कंगना रनौत (Actress Kangana Ranaut) के खिलाफ गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) द्वारा दायर मानहानि (Defamation) के मामले को देख रहे अंधेरी के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने विवेकपूर्ण ढंग से काम किया और अभिनेत्री के खिलाफ किसी तरह का पूर्वग्रह नहीं दिखाया है।

    अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एस टी दांडे ने मामले को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने की रनौत की याचिका अस्वीकार करते हुए अपने आदेश में कहा कि चूंकि अदालत मामले पर कानून की प्रक्रिया का पालन करते हुए आगे बढ़ रही है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह आवेदक के खिलाफ पूर्वग्रह से ग्रस्त है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने रनौत की याचिका 21 अक्टूबर को अस्वीकार कर दी थी, हालांकि विस्तृत आदेश शनिवार को उपलब्ध हो सका।

    अभिनेत्री ने पिछले महीने मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष स्थानांतरण याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता ने मामले की सुनवाई करने वाले अंधेरी के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में ”विश्वास खो दिया”, क्योंकि इसने अदालत में पेश होने में विफल रहने पर परोक्ष रूप से उन्हें एक जमानती अपराध में वारंट जारी करने की ”धमकी” दी। याचिका में यह भी कहा गया कि अदालत उनके खिलाफ पूर्वग्रह से ग्रस्त है।

    दांडे ने अपने आदेश में कहा, ‘‘मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट, अंधेरी द्वारा दिए गए सभी आदेशों को मैंने देखा। उन्होंने ये आदेश विवेकपूर्ण ढंग से दिए हैं।” उन्होंने कहा कि अंधेरी की अदालत द्वारा दिए गए आदेश की सत्र अदालत ने भी पुष्टि की।

    इसके अलावा, मजिस्ट्रेट द्वारा रनौत के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक मानहानि की कार्यवाही को रद्द करने की उनकी याचिका को उच्च न्यायालय ने भी खारिज कर दिया। अदालत ने कहा, ‘‘ यह दिखाता है कि अंधेरी के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने विवेकपूर्ण ढंग से काम किया और वह आवेदक के खिलाफ पूर्वग्रह से ग्रस्त नहीं हैं।”