किरीट सोमैया का कोई विरोध न करें : हसन मुश्रिफ

    Loading

    कोल्हापुर. भाजपा (BJP) के पूर्व सांसद किरीट सोमैया (Former MP Kirit Somaiya) आने वाले मंगलवार को फिर एक बार कोल्हापुर (Kolhapur) दौरे पर आने वाले हैं, लेकिन इस बार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के  कार्यकर्ता उनके आने का विरोध न करें और किरीट सोमैया भी अपने दायरे में रहकर अपना प्रदर्शन करें ऐसी अपील मंत्री हसन मुश्रिफ (Minister Hassan Mushrif) ने सवांददाता सम्मेलन में की। किरीट सोमैया कोल्हापुर दौरे पर आ ही रहे हैं, तो उनको मंत्री मुश्रिफ का राजनीतिक काम, सहकारिता क्षेत्र में किया गया कार्य नजदीक से देखने की भी अपील हसन मुश्रिफ ने की और कहा कि कोल्हापुर जिले में कानून व्यवस्था बरकरार रखते हुए किरीट सोमैया अपना दौरा पूरा करें।

    मंत्री मुश्रिफ ने फिर एक बार कहा कि मंडलीक चीनी मिल और शाहु चीनी मिल को शुरु रखने के लिए काफी योगदान दिया, लेकिन पर्याप्त राजनैतिक स्थिति में हमें मानने वाले किसानों के हित को सामने रखते हुए संताजी घोरपड़े चीनी मिल शुरु करने का निर्णय लिया, लेकिन उस समय राज्य सरकार ने नई चीनी मिलों को आर्थिक सहायता करने पर पाबंदी लगाई थी, इसलिए चीनी मिल शुरु करने के लिए किसानों की सहायता लेनी पड़ी। लेकिन किरीट सोमैया ने आरोप किया कि शेअर कैपिटल 94 करोड़ की राशि मंत्री मुश्रिफ के मंत्रिपद के कार्यकाल में कमाया गया काला धन है।

    समय पर दिया जा रहा है वेतन

    मंत्री मुश्रिफ ने बताया कि इसके पूर्व केंद्रीय संस्थानों द्वारा चीनी मिल एवं मंत्री मुश्रिफ के निवास स्थान पर भी छापामारी कर कागजातों की छानबीन की गई थी, लेकिन गैरकानूनी कोई पैसा इस चीनी मिल में नहीं लगाया गया। चीनी मिल को विगत दस वर्षों से अच्छी तरह से चलाया जा रहा है और समय पर एफआरपी की रकम, कामगारों को वेतन, बोनस दिया जा रहा है। हर महीने शेअर होल्डर को पांच किलो चीनी भी मुफ्त दी जा रही है।

    मंत्री ने किया आरोपों का खंडन

    किरीट ने दूसरा आरोप लगाया कि अप्पा साहब नलवड़े चीनी मिल गैरकानूनी तरीके से मंत्री मुश्रिफ के बेनामी ब्रिक्स कंपनी को चलाने के लिए दिया गया है। उनके इस आरोप का खंडन करते हुए मुश्रिफ ने बताया कि वे जिस चुनाव क्षेत्र में कार्यरत हैं, उस कार्यक्षेत्र में आनेवाले गडहिंगलज इलाके में स्थित यह बीमार और बंद चीनी मिल का चक्र जारी रखने के लिए अपने ही पुणे स्थित मित्र को यह चीनी मिल सरकारी नियम और दस्तावेजों को पूरा कर दस वर्षों के लिए 42 करोड़ रुपये किराए पर और 42 करोड़ रुपए एडवांस लेकर चलाने के लिए देने का निर्णय लिया गया।

    नुकसान सहकर चलाया चीनी मिल

    आठ वर्षों में कई मानवनिर्मित और निसर्ग निर्मित तकलीफों का सामना कर ब्रिक्स इंडिया कंपनी ने इस चीनी मिल को चलाया। चीनी मिल की मशीनरी पुरानी होने के कारण आठ वर्षों में तकरीबन 80 करोड़ रुपए ब्रिक्स को नुकसान हुआ, करार पूरा होने से दो वर्ष पहले ही नुकसान सहते हुए कंपनी संचालक मंडल को चीनी मिल सौंप कर यहां से चली गई। ऐसा बताकर मुश्रिफ ने कहा कि जब सोमैया के आरोपों की जांच की जाएगी, तभी जिस किसी यंत्रणा के माध्यम से जांच पड़ताल की जाएगी वो इस कंपनी का हार पहना कर सम्मान करेगी। क्योंकि नुकसान उठाकर भी इस कंपनी ने किसानों को एफआरपी और कामगारों को वेतन दिया।आरोप लगाने से पहले अगर किरीट सोमैया इन बातों को जान लेते या केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी मुलाकात करते तो अच्छा रहता क्योंकि गडकरी ने भी एक चीनी मिल चलाने की कोशिश की है। चीनी मिलें क्या नुकसान उठाकर चलाई जा रही हैं इस बात को किरीट सोमैया जान लेते तो काफी बेहतर होता । ऐसा इस वक्त हसन मुश्रिफ ने कहा।

    किरीट सोमैया ने लगाया था मनी लांड्रिंग का आरोप

    एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार को यह बात ज्ञात है कि उनका कार्यकर्ता ऐसे गलत कारोबार में अपना नाम खराब होने नहीं देगा ,ऐसा भी मंत्री मुश्रिफ ने कहा। ज्ञात हो कि कुछ दिन पूर्व भाजपा पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने मंत्री हसन मुश्रिफ और उनके परिवार पर संताजी घोरपड़े चीनी मिल में 127 करोड़ का भ्रष्टाचार करने और मनी लांड्रिंग का आरोप लगाया था। किरीट के इस आरोप से पूरे राज्य में हड़कंप मच गया और राजनीतिक चर्चा भी गरमाई।उ सके बाद खुद किरीट सोमैया कोल्हापुर दौरे पर निकल पड़े तो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें कोल्हापुर आने से जोरदार विरोध किया और मंत्री मुश्रिफ से माफी मांगने को कहा।