महाराष्ट्र: सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल के खिलाफ बेरोजगारों का मोर्चा, कहा- ‘आधा वेतन दो, हम काम करते हैं’

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महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में पुरानी पेंशन शुरू करने की मांग को लेकर पिछले कुछ दिनों से सरकारी कर्मचारियों ने हड़ताल का आह्वान किया है। ऐसे में अब कई जगहों पर कर्मचारियों के कार्यालय में नहीं होने से लोगों को परेशानी हो रही है। सरकारी डॉक्टरों के भी हड़ताल पर रहने से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। अब पुरे महाराष्ट्र में जारी इस हड़ताल के खिलाफ लोगों में आक्रोश की लहर है। ऐसे में अब इससे जुडी एक अलग खबर यह आई है कि कोल्हापुर (Kolhapur) में बेरोजगार युवाओं और किसानों ने सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल के खिलाफ मोर्चा निकाला है। कोल्हापुर के दसरा चौक से बेरोजगार युवाओं का मोर्चा निकला है, आइए जानते है क्या है पूरी खबर… 

क्यों निकाला मोर्चा? 

इस बारे में जानकारी देते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मूल रूप से राज्य में जो मोर्चा चल रहा है वह विधायकों और सांसदों को भी पेंशन देने के लिए है।  किसी को पेंशन मत दो। डेढ़ लाख रुपये तनख्वाह वालों का क्या फायदा अगर वे भविष्य के लिए आर्थिक रूप से योजना नहीं बना सकते? किसानों को मनचाही आमदनी नहीं मिल रही है। उसे 12 घंटे काम करने का वेतन नहीं मिलता है। 8 घंटे की ड्यूटी में एक कर्मचारी कितने घंटे काम करता है? पुरानी पेंशन बंद करो इसे लागू मत करो। यहां विरोध में आए युवकों ने अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि हम आधे वेतन पर काम करने को तैयार हैं। 

युवाओं ने कहा… 

एमपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों ने भी हड़ताल का विरोध किया। नई पीढ़ी अधिकारी बनना चाहती है। उन्हें काम पर लें। हमें पेंशन नहीं चाहिए। वेतन समय पर दें। रुकी हुई नियुक्तियों को शीघ्र भरें। कई पद अनुबंध के आधार पर भरे गए हैं। जो काम प्रोफेसर लाखों की तनख्वाह से करते हैं वही काम 20 हजार में ठेके पर करते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले युवाओं से यह स्वर निकल रहा है कि सरकार हड़तालियों की मांगों को न माने।