CONGRESS
File Photo

    Loading

    मुंबई/दिल्ली: कांग्रेस विधायक दल के नेता पद से बालासाहेब थोरात के इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस (Maharashtra Congress) में घमासान मचा हुआ है। इस वजह से अब कांग्रेस आलाकमान महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी को खत्म करने के लिए बड़ी सर्जरी (Major Surgery) के मूड में है। ऐसे में आने वाले दिनों में महाराष्ट्र कांग्रेस में बड़े उलटफेर हो सकते हैं। दरअसल जिस तरह से नाना पटोले (Nana Patole) के साथ हुए विवाद के बाद थोरात ने विधायक दल के नेता पद से इस्तीफा दिया है। इससे कांग्रेस आलाकमान खुश नहीं है। पार्टी अध्यक्ष को लगता है कि इससे महाराष्ट्र में स्थिति और कमजोर होगी और इसका फायदा शिंदे गुट और बीजेपी उठा सकती है। 

    वहीं इस तरह के अंदरूनी विवाद से साल 2024 के लोकसभा और विधानसभा मिशन पर भी इसका नकारात्मक असर होगा। पटोले और थोरात के बीच विवाद ऐसे समय में उठा है, जब 27 फरवरी से महाराष्ट्र विधानमंडल का बजट सत्र शुरू हो रहा है। इस वजह से भी कांग्रेस आलाकमान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। 

    आलाकमान के पास तीन विकल्प

    महाराष्ट्र कांग्रेस में मचे बवाल को खत्म करने के लिए कांग्रेस आलाकमान के पास तीन विकल्प हैं। पहले विकल्प के तहत वह थोरात को मना कर इस्तीफा वापस लेने की अपील करेगी। ताकि  पूरे विवाद को खत्म किया जा सके। अगर थोरात नहीं मानते हैं तो दूसरे विकल्प के रूप में प्रदेश अध्यक्ष के पद से नाना पटोले को हटाया जा सकता है, लेकिन इसमें एक बड़ा रिस्क यह है कि इस फैसले से पटोले गुट नाराज हो सकता है। पटोले ओबीसी समाज के नेता हैं। ऐसे में इसका असर पार्टी के ओबीसी वोट बैंक पर भी पड़ सकता है। तीसरे विकल्प में पार्टी अध्यक्ष ज्यादा सख्त फैसला लेते हुए पटोले, थोरात के साथ प्रदेश प्रभारी पद से एच. के. पाटिल को भी हटाते हुए पूरी तरह से नई टीम को नियुक्त कर सकती है। हालांकि यह फैसला लेना इतना आसान नहीं है। ऐसे में थोरात को मना कर उन्हें फिर से विधायक दल का नेता बनाना ही कांग्रेस के लिए ज्यादा सेफ होगा।