नई दिल्ली/मुंबई. जहाँ एक तरफ महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने कोरोना से मरने (Corona Deaths) वाले लोगों के लिए 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने का बड़ा एलान कर चुकी है। लेकिन इस बीच एक चौकानें वाला आंकड़ा सामने आया है। जी हाँ, दरअसल जानकारी के मुताबिक BMC ने कोरोना से हुई मौत के सरकारी के आंकड़े से ज्यादा सहायता राशि स्वीकृत की है। लेकिन अब इस आंकड़े को लेकर अधिकारियों ने सफाई दी है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र कोरोना को लेकर काफी प्रभावित रहा है और यहां पर कोरोना से हुई मौतें भी बड़ी संख्या में रिपोर्ट की गई।
सरकारी आंकड़ो से 10% ज्यादा आवेदन की उम्मीद
बता दें कि बीते सोमवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ। प्रदीप व्यास ने महाराष्ट्र के जिलों के साथ हुई मीटिंग में कोरोना से हुई मौत के लिए सहायता राशि देने में तेजी लाने के जरुरी निर्देश दिए हैं। वहीं आधिकारिक सूत्रों के अनुसारमौत के सरकारी आंकड़ों से लगभग 10 प्रतिशत ज्यादा आवेदन आने की उम्मीद है। ऐसे भी कहा जा रहा है कि ऐसा होने का कारण मौतों को कम रिपोर्ट करना नहीं बल्कि सहायता राशि देने के उद्धव सरकार की उदारवादी नीति के कारण हुआ है।
ऐसा है नागपुर का हाल
वहीं आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक अगर कोरोना के चलते किसी मरीज ने आत्महत्या भी की है तो भी वह उक्त सहायता राशि पाने का हकदार है। वहीं अगर कोई मरीज पहले तो कोरोना पॉजिटिव हुआ और बाद में कोरोना निगेटिव हो गया, बावजूद इसके अगर उनमें किसी तरह के फेफड़े संबधित समस्या आई और उनकी मौत हो गई तो भी उन्हें भी यह सहायता राशि मिलेगी। एक आंकड़े के मुताबिक नागपुर में 6055 मौत के आंकड़े दर्ज किए गये लेकिन सहायता राशि के लिए सिर्फ 12000 आवेदन आए हैं।