नई दिल्ली/मुंबई. जहाँ एक तरफ महाराष्ट्र (Maharashtra) के कई जिलों में कोरोना संक्रमण दर (Corona Pandemic Rate) भले ही 30% के आसपास हो। लेकिन एक सत्य यह भी है कि बहुत ही कम मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है। जी हाँ, उद्धव सरकार के आंकड़ों के अनुसार राज्य के विविध अस्पतालों में आज भी 95% बेड खाली है। यह बात राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (Rajesh Tope) ने हाल ही में कही है।
दरअसल मंत्रिमंडल की बैठक के बाद टोपे ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के चार जिले नासिक, नांदेड, पुणे और रायगड में औसत कोरोना संक्रमण दर की अपेक्षा काफी अधिक है। हालाँकि संक्रमित हुए कुल मरीजों में महज 5% मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ रही है, जबकि 95 प्रतिशत बिस्तर खाली है। वैसे देखा जाए तो राज्य में कोरोना संक्रमण दर 23।5% के आसपास है।
वहीं कोरोना टेस्ट के सवाल पर टोपे ने दावा किया कि राज्य में कोरोना की RTPCR टेस्ट की संख्या कम नहीं की गई है। कोरोना के 87% मरीज होम क्वारंटीन में हैं। कोरोना टेस्ट में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में 9 करोड़ से अधिक लोगों के लिए वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा गया है। फिलहाल, 90% लोगों को टीके की पहली खुराक लग चुकी है, जबकि 60% लोगों ने टीके की दूसरी खुराक ले ली है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में आगामी सोमवार 24 जनवरी 2022 से क्लास 1-12 के लिए सभी स्कूल खोले जाएंगे। इस बाबत महाराष्ट्र की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि, कोविड-19 की सावधानियों के साथ हमने प्री-प्राइमरी स्कूल खोलने का भी निर्णय लिया है।
एक लाख 10 हजार मृतकों के परिजन को मिली मदद राशि
कोरोना में मारे गए लोगों के परिवारों को मदद राशि देने के बाबत स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने बताया कि कोरोना से जान गंवाने वालों के परिजन को 50,000 रुपये की अनुग्रह सहायता राशि दी जा रही है। कोरोना से राज्य में अब तक करीब 1 लाख 50 हजार लोगों की मौत हुई है। इनमें 1 लाख 10 हजार मृतकों के परिवारों को मदद राशि दे दी गई है, जबकि लगभग 40 हजार मृतकों के परिजन के दावे की जांच की जा रही है। इन्हें भी मदद की राशि जल्द से जल्द दे दी जाएगी।