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    मुंबई: महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल का विस्तार करने के बाद एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस की सरकार पर विभागों के आवंटन का भारी दारोमदार होगा और अटकलों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता फडणवीस को गृह मंत्रालय का प्रभार मिल सकता है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि  उपमुख्यमंत्री फडणवीस को निश्चित तौर पर गृह विभाग मिलेगा। 

    गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के 41 दिन बाद एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। कुल 18 विधायकों को मंत्री के तौर पर शपथ दिलायी गयी , जिसमें शिवसेना के शिंदे गुट के नौ और भाजपा के नौ विधायक शामिल हैं।  फडणवीस 2014-19 के दौरान भाजपा – शिवसेना सरकार में मुख्यमंत्री रहने के दौरान गृह मंत्रालय का प्रभार भी संभालते थे।  अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मुख्यमंत्री शिंदे अपने पास कौन – से विभाग रखेंगे। 

    उनके एक करीबी सहायक ने कहा , ‘‘शिंदे फिर से शहरी विकास विभाग और महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) संभाल सकते हैं। ”पूर्ववर्ती महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार ने शिंदे के पास लोक निर्माण विकास (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम), शहरी विकास और एमएसआरडीसी विभाग थे। 

    राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी – कांग्रेस सरकार के 1999 से 2014 तक के कार्यकाल के दौरान शहरी विकास विभाग गठबंधन का नेतृत्व करने वाले मुख्यमंत्रियों के पास रहता था।  महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में सदस्यों की अधिकतम संख्या मुख्यमंत्री समेत 43 हो सकती है। मंगलवार को मंत्रिमंडल विस्तार के साथ इसमें सदस्यों की संख्या 20 हो गयी है। 

    भाजपा नेता ने कहा , ‘‘देवेंद्र फडणवीस 2014-19 में मुख्यमंत्री थे और उन्होंने गृह मंत्रालय अपने पास रखा था। अपने दल के साथ ही अन्य दलों के लोगों पर नजर रखने के वास्ते यह उनके लिए उपयोगी था। वह निश्चित तौर पर गृह मंत्रालय फिर से हासिल करेंगे। ” उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय विभाग डॉ . सुरेश खाडे को दिया जाएगा क्योंकि यह मंत्रालय सामान्य तौर पर पिछड़े समुदाय के नेताओं को दिया जाता है। वह पश्चिमी महाराष्ट्र में सांगली जिले से भाजपा के इकलौते विधायक हैं। उन्हें पार्टी का दलित चेहरा माना जाता है। वह 2014-19 के दौरान फडणवीस सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री थे। 

    भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी नंदुरबार का प्रतिनिधित्व करने वाले डॉ . विजयकुमार गावित को जनजातीय विकास मंत्री बना सकती है।  गौरतलब  है कि 2004-12 में तत्कालीन कांग्रेस – राकांपा सरकार में गावित के जनजातीय विकास मंत्री रहते हुए 6,000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था। गावित कांग्रेस और राकांपा के विधायक रह चुके हैं। वह 2014 में भाजपा में शामिल हो गए थे।  भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल को अहम विभाग मिल सकता है। वह फडणवीस के मुख्यमंत्री रहने के दौरान राजस्व एवं सहकारिता मंत्रालय का दायित्व संभाल चुके हैं। 

    पार्टी के एक अन्य नेता सुधीर मुंगत्तिवार को भी अहम विभाग मिल सकता है। वह पहले वित्त और वन विभाग का प्रभार संभाल चुके हैं।  बहरहाल , भाजपा को गठबंधन की स्थिति देखते हुए कुछ अहम विभाग शिंदे गुट के साथ साझा करने होंगे।  पूर्ववर्ती महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देकर शिवसेना के बागी गुट में शामिल होने वाले सभी विधायकों को मंगलवार को  नए मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। उन्हें भी पहले के उनके प्रभार वापस दिए जा सकते हैं।  पूर्व मंत्री और शिंदे के वफादार माने जाने वाले दादा भुसे , उदय सामंत और गुलाबराव पाटिल के पास पिछली सरकार में क्रमश : कृषि , उच्च और तकनीकी शिक्षा तथा जल आपूर्ति और स्वच्छता मंत्रालय थे।