मुंबई: राज्य कैबिनेट की आज की बैठक में ओबीसी आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। दो दिन पहले उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार को चुनाव कराने का निर्देश देते हुए कहा था कि ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर राज्य के चुनाव स्थगित नहीं किए जा सकते। उसी के अनुरूप राज्य चुनाव आयोग ने राज्य में जिला परिषदों और पंचायत समिति के उपचुनावों के कार्यक्रम की भी घोषणा की।
ओबीसी आरक्षण का मुद्दा अभी भी लंबित है इसलिए राज्य सरकार ने 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा के अधीन रहकर ओबीसी आरक्षण पर एक अध्यादेश जारी करने का निर्णय लिया है। राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने इस संबंध में आयोजित प्रेस कॉन्फरन्स में यह जानकारी दी।
Maharashtra Govt will issue ordinance to restore OBC reservation in local body polls. This won't cross the 50% reservation cap. The ordinance will be issued on the line of Andhra Pradesh & Telangana govts' decision: Maharashtra Minister and NCP leader Chhagan Bhujbal
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— ANI (@ANI) September 15, 2021
कुछ जिलों में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार चुनाव घोषित किए गए हैं। हमारी विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस, प्रवीण दरेकर और अन्य सभी दलों के बीच चर्चा हुई है। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में उन्होंने 50 प्रतिशत आरक्षण के अधीन अध्यादेश जारी किए। इसी के तहत वहां चुनाव हो रहे हैं। इससे ओबीसी सीटों की संख्या में कुछ हद तक 10 से 15 फीसदी की कमी आएगी। सरकार ने अन्य राज्यों की तरह ही अध्यादेश जारी करने का फैसला किया गया है। साथ ही यह तय किया गया है कि हम इस आरक्षण को 50 फीसदी से ऊपर नहीं लेंगे।
अगले चुनाव में भी यही अध्यादेश लागू
छगन भुजबल ने कहा, “आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कुछ अन्य राज्यों ने अध्यादेश जारी कर ओबीसी को 50 प्रतिशत की सीमा के भीतर रहकर आरक्षण दिया है। इसी आधार पर महाराष्ट्र में अध्यादेश जारी किया जाएगा। यह अध्यादेश वर्तमान उपचुनावों और आगामी चुनावों पर भी लागू होगा। उन्होंने कहा, इससे ओबीसी समुदाय को 10 से 12 फीसदी सीटों का नुकसान होगा। हमने बाकी आरक्षण को बचाने के लिए यह कदम उठाया है।