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    मुंबई: ओमीक्रोन (Maharashtra Omicron Updates) का संकट भारत में बढ़ गया है। इन सब के बीच कोविड नियमों (COVID-19 Rules) कलो लेकर महाराष्ट्र की उद्धव सरकार (Uddhav Govt) और केंद्र आमने-सामने हैं। महाराष्ट्र के मुख्य सचिव ने एक बयान में कहा कि वह अपने गाइडलाइंस में बदलाव नहीं करेगा। ऐसे में सरकार और केंद्र के बीच तकरार अब बढ़ सकता है। 

    ज्ञात हो कि महाराष्ट्र के मुख्य सचिव देबाशीष चक्रवर्ती ने यह भी कहा कि आपदा प्रबंधन और महामारी एक्ट के तहत राज्य को इसका अधिकार है कि वह कोविड वायरस के फैलाव को रोकने के लिए अलग से नियम लागू कर सकती है। यही कारण है सरकार ने फिलहाल इंटरनेशनल यात्रियों को लेकर अपने दिशा-निर्देश में किसी भी तरह का बदलाव नहीं करने का निर्णय लिया है। 

    गौर हो कि कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट को लेकर चिंताओं के बीच इंटरनेशनल यात्रियों के पृथक-वास पर संशोधित दिशानिर्देश के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने महाराष्ट्र से कहा कि वह केंद्रीय स्वस्थ मंत्रालय द्वारा जारी एसओपी के अनुसार आदेश जारी करे। 

    महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार ‘खतरे’ वाले देशों से आने वाले यात्रियों के लिए सात दिनों तक संस्थागत पृथक-वास अनिवार्य किया गया है। साथ ही यात्रियों को पहुंचने के दूसरे, चौथे और सातवें दिन पीसीआर टेस्ट भी करानी पड़ेगी। ऐसे में अगर वह कोरोना संक्रमित पाया गया तो उसे अस्पताल भेजा जाएगा। लेकिन अगर वह नेगेटिव पाया जाता है फिर भी उसे सात दिनों तक घर में क्वारंटीन में रहना ही पड़ेगा ।

    वहीं इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक लेटर में कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा विदेशी यात्रियों के लिए जारी कोविड-19 एसओपी के मुताबिक सही नहीं है। उन्होने अपने पत्र में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार आदेश जारी करने के लिए कहा। 

    उल्लेखनीय है कि ओमीक्रोन वेरिएंट के खतरे के बीच केंद्रीय स्वास्थ मंत्रालय  ने 28 नवंबर को एक गाइडलाइंस जारी करते हुए कहा कि खतरे वाले देशों से गुजरने या आने वाले यात्रियों को पहुंचने के बाद पीसीआर जांच टेस्ट कराना पड़ेगा। साथ ही एयरपोर्ट पर परिणाम के लिए इंतजार करना पड़ेगा और उसके बाद ही वह बाहर जा सकते हैं।