महाराष्ट्र: शिवसेना के बाद अब कांग्रेस में फुट! देवेंद्र फडणवीस से पार्टी के कई नेताओं ने की मुलाकात

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    मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) में रोजाना कुछ न कुछ नई चीज़े देखने मिल रही है। वहीं अब शिवसेना (Shiv Sena) के बाद कांग्रेस (Congress) में भी फुट के आसार नज़र आ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी में कुछ भी ठीक दिखाई नहीं दे रहा है, जिसकी जानकारियां भी अब सामने आने लगी है। ऐसे में अब कयास लगाए जा रहे हैं कि, जल्द ही कांग्रेस भी शिवसेना की तरह टूट सकती है। इन कयासों के पीछे वजहें भी हैं। 

    असलम शेख ने की फडणवीस से मुलाकात 

    दरअसल, कांग्रेस के कई नेताओं ने पिछले दिनों महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) से मुलाकात की है। महाराष्ट्र के बड़े नेताओं में शामिल और पिछली सरकार के मंत्री असलम शेख (Aslam Shaikh) ने हाल ही देवेंद्र फडणवीस से उनके बंगले पर जाकर मुलाकात की थी। इस मुलाकात में बीजेपी नेता मोहित कंबोज भी मौजूद थे। 

    कंबोज भी थे शामिल 

    इस मुलाकात में बीजेपी नेता मोहित कंबोज भी मौजूद थे। बता दें कि, मोहित कंबोज वहीं नेता हैं, जो शिंदे गुट की बगावत के बाद सूरत से लेकर उनके मुंबई वापस लौटने तक उनके साथ थे। यह भी पता चला है कि, शिंदे गुट के तमाम बागी विधायकों को संभालने की जिम्मेदारी कंबोज को ही सौंपी गई थी। कंबोज फडणवीस के काफी करीबी माने जाते हैं। वहीं, असलम शेख के फडणवीस से मुलाकात के बाद ऐसी चर्चा हो रही है कि, वह जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। 

    दुसरे बड़े नेताओं ने भी की मुलाकात 

    असलम के 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी बीजेपी में शामिल होने की जबरदस्त चर्चा हुई थी। लेकिन शिवसेना के अलग होने के बाद और MVA बनने के बाद असलम ने अपना पैंतरा बदल लिया था। वहीं कांग्रेस में फुट पड़ने की दूसरी बड़ी वजह ये भी है कि, पिछले सप्ताह ही कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा, विधायक अमीन पटेल और जीशान सिद्दीकी ने भी देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी। 

    मिलिंद देवड़ा ने बताई वजह 

    हालांकि, देवड़ा ने मुलाकात के पीछे की वजह बताई थी। उन्होंने कहा था कि, बीएमसी वार्ड संरचना में बदलाव करने की मांग की वजह से वह फडणवीस से मिले थे। दरअसल मिलिंद देवड़ा कांग्रेस में भले ही हैं, लेकिन पिछले कई सालों से वो तटस्थ भूमिका में रहे हैं। साथ ही पार्टी के कई फैसलों का विरोध भी करते दिखते हैं।