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अकबरुद्दीन ओवैसी के औरंगजेब के मकबरे पर जाने का मकसद समझ नहीं आता।

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    औरंगाबाद (महाराष्ट्र): सत्तारूढ़ शिवसेना (Shiv Sena) ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी (Akbaruddin Owaisi) के मुगल सम्राट औरंगजेब के मकबरे पर जाने की आलोचना की और उनके इस कदम पर सवाल उठाते हुए शुक्रवार को आगाह किया कि अगर उन्होंने ‘‘समाज में समस्याएं उत्पन्न करने की कोशिश” की, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यहां एक रैली को संबोधित करने से पहले ओवैसी बृहस्पतिवार को जिले में स्थित औरंगजेब के मकबरे पर गए थे।

    शिवसेना (Shiv Sena) के पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे (Chandrakant Khaire) और पार्टी की औरंगाबाद जिला इकाई के प्रमुख एवं विधान परिषद के सदस्य अंबादास दानवे ने मकबरे पर जाने के ओवैसी के कदम की कड़ी ओलाचना की। हालांकि एआईएमआईएम के सांसद इम्तियाज जलील ने ओवैसी का बचाव करते हुए कहा कि इसका ‘‘कोई और अर्थ” निकालने की जरूरत नहीं है।

    खैरे ने कहा, ‘‘ अकबरुद्दीन ओवैसी के औरंगजेब के मकबरे पर जाने का मकसद समझ नहीं आता। हमें उनका एक पुराना बयान याद है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोई भी औरंगजेब के मकबरे पर नहीं जाता है। अगर वह समाज में समस्या उत्पन्न करने के लिए ऐसा कर रहे हैं, तो हम इसे बर्दाशत नहीं करेंगे।”

    दानवे ने कहा, ‘‘ ओवैसी का औरंगजेब के मकबरे पर जाना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। निजाम, रजाकारों (हैदराबाद के निज़ाम द्वारा 1947-48 के दौरान रियासत के भारत के साथ विलय का विरोध करने के लिए तैनात अर्धसैनिक स्वयंसेवी बल) और पहले के इस्लामी राजवंशों की सोच एक जैसी ही है। उनकी विचारधारा के तहत ही ओवैसी मकबरे पर गए लेकिन जो मुसलमान देश के कल्याण के बारे में सोचते हैं उन्हें एआईएमआईएम और ओवैसी से दूर रहना चाहिए।”

    ओवैसी के इस कदम का बचाव करते हुए जलील ने कहा, ‘‘ खुल्दाबाद में कई मकबरे हैं, जिनका एक अच्छा-खासा इतिहास भी है। जो कोई भी खुल्दाबाद आता है औरंगजेब के मकबरे पर जाता है। इसका कोई और अर्थ निकालने की जरूरत नहीं है।” राज ठाकरे नीत महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने भी बृहस्पतिवार को ओवैसी के मुगल बादशाह के मकबरे पर जाने के कदम पर आपत्ति जतायी थी।

    नवी मुंबई से मनसे के नेता गजानन काले ने चेतावनी देते हुए कहा था, ‘‘ ओवैसी के औरंगजेब के मकबरे पर जाने के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। अगर कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो मनसे इस मामले को अपने हाथ में ले लेगी।” (एजेंसी)