
नई दिल्ली/मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) में हुई राजनीतिक उठापटक के बाद, जहां औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहर का नाम बदलने के उद्धव सरकार (Uddhav Thackrey Goverment) के फैसले को वर्तमान CM एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने पहले पलट दिया था. लेकिन उसे एक बार फिर से लागू कर दिया गया है। हालाँकि इस पर शिवसेना ने आज अपना विरोध जताया है।
Shiv Sena (Thackeray faction) protest in Aurangabad against Maharashtra govt’s decision to review renaming of Aurangabad & Osmanabad by MVA govt
State Govt today announced renaming of Aurangabad as Chhatrapati Sambhajinagar&Osmanabad as Dharashiv, said, earlier decision illegal pic.twitter.com/bMpPTaIN2z
— ANI (@ANI) July 16, 2022
आज हुई कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने इस मामले पर कहा कि, पूर्व CM एकनाथ शिंदे का फैसला गैरकानूनी था, जिस पर हमने बाद में कानूनी तरीके से मुहर लगा दी है। इसके चलते औरंगाबाद अब संभाजी नगर और उस्मानाबाद धाराशिव के नाम से जाना जाएगा।
उद्धव और शिंदे सेना में अब लगी हिंदुत्व की होड़
गौरतलब है कि MVA सरकार गिरने से पहले बीते 29 जून को जल्दबाजी में उद्धव कैबिनेट की आखिरी बैठक में ये दोनों बड़े फैसले लिए गए थे। हालाँकि उस दौरान एकनाथ शिंदे लगातार आरोप लगा रहे थे कि उद्धव ठाकरे हिंदुत्व और बालासाहेब के बताए रास्ते से पूरी तरह से भटक गए हैं।
ऐसे में कहा जा सकता है कि NCP और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद से ही हिंदुत्व को लेकर उद्धव ठाकरे से लगातार सवाल पूछे जाते थे। वहीं उद्धव ठाकरे इस्तीफा देने से पहले आगे की भूमिका बनाने के लिए ये फैसले खुद की ही सरकार में कर देना चाहते थे। जिसे पहले CM एकनाथ शिंदे ने पहले पलट दिया था. लेकिन वहीं फैसला अब एक बार फिर से शिंदे सरकार ने लागू कर दिया गया है।
दरअसल ठाकरे की अध्यक्षता में पिछले महीने हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने का फैसला किया गया था, लेकिन शिंदे नीत सरकार ने शनिवार को इसके आगे ‘छत्रपति’ जोड़ दिया। इस समय मंत्रिमंडल में केवल दो सदस्य शिंदे और फडणवीस हैं, क्योंकि इसका विस्तार अभी नहीं हुआ है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि (ठाकरे की अध्यक्षता में हुई) 29 जून की मंत्रिमंडल की बैठक के कार्य विवरण को नई सरकार (शिंदे के नेतृत्व वाली) ने शनिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दे दी।
बयान में कहा गया है, “मंत्रिमंडल द्वारा आज स्वीकृत ताजा प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा, जिसके बाद दोनों शहरों का नाम संभाग, जिला, तालुका, नगर निगम और परिषद स्तर पर बदला जाएगा।” मंत्रिमंडल ने प्रस्तावित नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम किसान नेता दिवंगत डी बी पाटिल के नाम पर रखने को भी मंजूरी दे दी।
उद्धव ठाकरे नीत पूर्ववर्ती सरकार ने पिछले महीने इस संबंध में भी फैसला किया था। शिंदे के शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने के बाद एमवीए सरकार 29 जून को गिर गई थी। शिंदे ने इसके अगले दिन मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।