Sharad Pawar and Modi

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मुंबई. महिला आरक्षण (Women’s reservation) को लेकर राजनीति जारी है। सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) से लेकर सभी विपक्षी दल महिला आरक्षण का श्रेय लेना चाहते हैं। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण के बारे में मोदी जो कह रहे हैं वह गलत है। कांग्रेस सरकार के दौरान महिला आरक्षण को लेकर कई फैसले लिए गए हैं। हमने सेना में महिलाओं को 11% आरक्षण दिया।

मोदी को नहीं दी गई पूरी जानकारी

शरद पवार ने कहा, “महिलाओं के लिए नीतियां बनाने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य था। जब मैं रक्षा मंत्री था, तब हमने रक्षा बलों (तब थल सेना, नौसेना और वायुसेना) में महिलाओं के लिए 11% आरक्षण किया था। ऐसे फैसले कांग्रेस सरकार के दौरान लिए गए थे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पीएम को इस संबंध में ठीक से जानकारी नहीं दी गई और इसीलिए उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ ऐसे बयान दिए।”

कांग्रेस नहीं चाहती महिलाओं को आरक्षण मिले

गौरतलब है कि संसद के पांच दिन के विशेष सत्र के दौरान महिला आरक्षण बिल पास हुआ। इसके तहत संसद के दोनों सदनों के अलावा विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण सुनिश्चित किया गया है। पीएम मोदी ने सोमवार को जयपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।

उन्होंने ने कहा, “कांग्रेस की मंशा कभी भी महिलाओं को सशक्त बनाने की नहीं थी। जो कांग्रेस नेता आज महिला आरक्षण की बात कर रहे हैं, वे ऐसा 30 साल पहले कर सकते थे। कांग्रेस कभी भी महिलाओं को 33% आरक्षण देना नहीं चाहती थी। आज, अगर वे महिला आरक्षण के पक्ष में हैं। तो यह इसमें उनकी रुचि के कारण नहीं बल्कि आप सभी (महिलाओं) के दबाव के कारण है। राजस्थान के जयपुर में पीएम मोदी ने कहा, कांग्रेस और उसके ‘घमंडिया’ साथी महिलाओं के लिए आरक्षण के खिलाफ हैं।”

स्थानीय निकायों में महिलाओं को 33% आरक्षण

शरद पवार ने मोदी पर तंज कसते हुए कहा, “यह कहना गलत है कि इतने सालों में महिला आरक्षण लागू नहीं हो सका। महाराष्ट्र महिला राज्य आयोग स्थापित करने वाला पहला राज्य था। जून 1993 में, जब मैं मुख्यमंत्री था, मैंने पहली बार महाराष्ट्र में महिला एवं बाल विकास के लिए एक अलग विभाग शुरू किया था।”

उन्होंने कहा कि 24 जून 1994 को महाराष्ट्र में उनके नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने एक महिला नीति पेश की थी जो देश में इस तरह की पहली नीति थी। इसी तरह, केंद्र की कांग्रेस सरकार 73वां संविधान संशोधन लेकर आई थी, जिससे स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का रास्ता साफ हो गया। महाराष्ट्र ने पहली बार ऐसा फैसला लिया।