मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में अपनी मांगों को लेकर हड़ताल (Strike) कर रहे राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) (MSRTC Strike) के कर्मचारियों को शुक्रवार को फिर से ड्यूटी (Duty) पर लौटने के महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब (Transport Minister Anil Parab) के अल्टीमेटम के बावजूद आज सुबह केवल कुछ ही कर्मचारियों ने फिर से काम करना शुरू किया।
अधिकारियों ने बताया कि एमएसआरटीसी इस बारे में जानकारी संकलित कर रहा है कि शुक्रवार को राज्य भर में कितने कर्मचारी ड्यूटी पर फिर से लौटे। एमएसआरटीसी के एक प्रवक्ता ने बताया कि सुबह 10 बजे तक परिवहन निकाय ने राज्य में महज 151 बसों का परिचालन किया जिनमें से ज्यादातर का सांगली और रायगढ़ संभागों में किया गया। इन बसों में से 116 सामान्य बसें थी जबकि अन्य वातानुकूलित ‘शिवनेरी’ और ‘शिवशाही’ बसें थी।
एमएसआरटीसी के कर्मचारी 28 अक्टूबर से हड़ताल पर हैं और नकदी की कमी से जूझ रहे इस निगम का राज्य सरकार में विलय करने की मांग कर रहे हैं, जिससे उन्हें राज्य सरकार के कर्मचारियों का दर्जा और बेहतर वेतन मिल सके। हड़ताल खत्म करने के लिए परब ने बुधवार को कर्मचारियों के मूल वेतन में 2,500 रुपये से 5,000 रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा की थी और कर्मचारियों को ड्यूटी पर लौटने के लिए 24 घंटे की समय सीमा भी दी थी।
बृहस्पतिवार को, परब ने यह भी चेतावनी दी थी कि अगर कर्मचारी शुक्रवार को काम फिर से शुरू नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि ज्यादातर कर्मचारी विलय की मांग पर अड़े हुए हैं और वे इसके लिए हड़ताल जारी रखने के लिए तैयार हैं।