mumbai local train
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    मुंबई: मुंबई लोकल ट्रेन (Mumbai Local Trains) सेवा कोरोना (Corona) पांबांदियों में ढील के बाद अब लगभग अपनी 100 प्रतिशत क्षमता के साथ दौड़ रही है। इस बीच मध्य रेलवे (सीआर) (Central Railway) ने बड़ा फैसला लिया है। अगर सब कुछ प्लान के मुताबिक रहा तो दिसंबर से सेन्ट्रल रेलवे अपनी ट्रेनों को अंधेरी (Andheri) से बढ़ा कर गोरेगांव (Goregaon) तक करने जा रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, सेंट्रल रेलवे अपनी सभी सीएसएमटी-अंधेरी (CSMT-Andheri Train) और पनवेल-अंधेरी (Panvel-Andheri Train) सेवाओं को गोरेगांव (Goregaon) तक बढ़ाने का फैसला किया है। इस प्रकार अधिक यात्रियों को हार्बर लाइन से यात्रा करने में आसानी होगी और गोरेगांव तक जाने वाले यात्रियों को ट्रेन चेंज नहीं करनी पड़ेगी है।

    फिलहाल सीएसएमटी और गोरेगांव के बीच करीब 42 सेवाएं हैं और पनवेल और गोरेगांव के बीच करीब 18 सेवाएं चलती हैं। रिपोर्ट में एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि, “हम एक नई समय सारिणी पर काम कर रहे हैं, जिसके अनुसार सीएसएमटी और अंधेरी के बीच चलने वाली मौजूदा 22 जोड़ी सेवाओं को दिसंबर से गोरेगांव तक बढ़ा दिया जाएगा। इसी तरह, पनवेल और अंधेरी के बीच चलने वाली 9 और जोड़ी सेवाओं का भी विस्तार किया जाएगा। 

    उन्होंने कहा, पश्चिमी रेलवे मार्ग पर अंधेरी के बजाय गोरेगांव से सभी हार्बर सेवाओं को चलाने का अतिरिक्त परिचालन लाभ होगा। पहले एक टर्मिनेटिंग प्लेटफॉर्म था, जिसके आगे अंधेरी में हार्बर लाइन पर ट्रेनें नहीं चलती थीं। अब, चूंकि लाइन बढ़ा दी गई है तो इसे बढ़ाया जा सकता है जिससे इस रूट के यात्रियों को आसानी होगी। अंधेरी सेवाओं के संचालन का मतलब है कि ट्रेनें पहले डाउन ट्रैक पर चलती हैं और फिर सीएसएमटी की ओर जाने के लिए उन्हें अप ट्रैक पर लाना होता है। यह एक प्लेटफॉर्म पर भी कब्जा रखता है, जिससे ट्रेनों की आवाजाही अवरुद्ध हो जाती है।

    अधिक गोरेगांव सेवाओं का मतलब होगा कि न केवल इस स्टेशन पर बल्कि जोगेश्वरी, राम मंदिर और यहां तक कि मलाड के यात्री भी ट्रेनों का उपयोग कर सकते हैं। यदि मलाड-गोरेगांव से यात्रियों की एक बड़ी संख्या गोरेगांव स्थानीय लोगों में स्थानांतरित हो जाती है, तो बोरीवली और कांदिवली यात्रियों को और अधिक राहत मिलेगी क्योंकि उन्हें अपनी समर्पित सेवाओं में पर्याप्त स्थान मिल सकता है। वैसे साल 2018 को हार्बर लाइन सेवाओं को गोरेगांव तक बढ़ा दिया गया था। हालांकि कुछ कारणों की वजह से सभी सेवाओं को गोरेगांव तक नहीं बढ़ाया गया था।