
मुंबई: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की तीसरी लहर (Third Wave) से जहां पूरा शहर उबरने की कगार पर है तो वहीं शहर के कुछ निजी अस्पतालों (Private Hospitals) में तकरीबन 1.5 लाख वैक्सीन (Vaccine) की खुराक (Doses) बची हुई है जो 5 मार्च तक एक्सपायर (Expire) होने वाली हैं। इससे उनका संकट और भी गहरा गया गया है। जानकारों का कहना है कि लगभग सभी लोग वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके हैं, इसलिए वैक्सीन लेने लोग सामने आ रहे हैं। अब जबकि वैक्सीन की समाप्ति के दिन नजदीक है तो बचे हुए वैक्सीन की खुराक को कहां खपाया जाए इसकी चिंता अस्पतालों को सताने लगी है।
फिलहाल, अस्पताल सरकार के उस फैसले को बाट जोह रही है जिसमें लोगों को बूस्टर डोज लगाने का फैसला लिया जाएगा। सरकार की ओर से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं आई है जिसमें बूस्टर डोज लगाने की अनुमति दी जाए।
…तो आज ये नौबत नहीं आती
राज्य के कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. शशांक जोशी ने कहा कि बूस्टर डोज सभी आयु समूह के लोगों के लिए खोला जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मंजूरी देने से पहले रिसर्च डाटा देख रही है और जल्द ही फैसला लेगी। सुराणा ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के सीईओ डॉ.प्रिंस सुराणा ने बताया कि हमारे हॉस्पिटल में लगभग 40 हजार खुराक बचे हुए है। इसके साथ ही अन्य अस्पतालों में लगभग 1.10 लाख वैक्सीन की डोज बची हुई है।
…तो हो सकती है भरपाई
बॉम्बे हॉस्पिटल के डॉ. गौतम भंसाली ने बताया कि अगर सरकार 45 से अधिक आयु समूह के लोगों को बूस्टर डोज लगाने की अनुमति प्रदान की होती तो आज ये नौबत नहीं आती और बचे हुए वैक्सीन का उपयोग हो सकता था। उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल मुफ्त में टीके लगवा रहे हैं लेकिन खुराक लेने वाले ही कम हैं। वैसे देखा जाए तो ऐसे समय में निजी अस्पताल अपने नुकसान को लेकर चिंतित हैं, जो अब इस उम्मीद में हैं कि सरकार बूस्टर डोज की राह खोल दे तो इनकी भरपाई हो जाए।