मुंबई: मुंबई में शुरू देश की पहली मोनो रेल को रफ़्तार दिए जाने का प्रयास हो रहा है। एमएमआरडीए (MMRDA) द्वारा किए जा रहे मेट्रो की 2 लाइनों को मोनो से जोड़े जाने के बाद यात्रियों (Passengers) की संख्या में भरपूर इजाफा होगा। चेंबूर और वडाला के बीच मुंबई मोनोरेल कॉरिडोर (Mumbai Monorail Corridor) का पहला चरण 2 फरवरी, 2014 को चालू किया गया था।
मोनो रेल मेट्रो 2 बी (डीएन नगर से मंडले) और मेट्रो लाइन 4 (वडाला से कासरवडवली) से कनेक्ट होगी। मोनोरेल का वीएन पूर्व स्टेशन मेट्रो लाइन 2 बी से जुड़ेगा, जबकि मेट्रो लाइन 4 भक्ति पार्क में मोनो रेल स्टेशन के साथ जुड़ेगी। इन दोनों मेट्रो लाइनों का काम तेजी से चल रहा है। मेट्रो लाइन 2बी का अब तक 25 फीसदी से ज्यादा काम हो गया है। मेट्रो 4 का ठेकेदार बदले जाने के बाद काम में तेजी आई है।
2024 तक 1.50 लाख यात्री
एमएमआरडीए अधिकारियों को उम्मीद है कि दो मेट्रो रेल लाइनों के साथ कनेक्ट होने के बाद मोनोरेल की सवारियां 2024 तक रोजाना मौजूदा 15,000 से 1.5 लाख तक दस गुना तक बढ़ सकती हैं। एमएमआरडीए ने अगले दो वर्षों में प्रतिदिन 1.5 लाख से अधिक की सवारी मोनो से ढोने का लक्ष्य बनाया है। फ्रीक्वेंसी और ट्रिप की संख्या बढ़ाने के लिए 10 नए रेक खरीदने का निर्णय भी हुआ है। मोनोरेल में प्रतिदिन 2 लाख यात्रियों को ले जाने की क्षमता है। एसजीएम चौक से चेंबूर तक पूरी मोनोरेल 19.54 किलोमीटर लंबी है। यात्रा की दूरी के आधार पर टिकट की कीमत किफायती रूप से 10 रुपए से 40 रुपए के बीच है।
हो रहा मोनो रेल का घाटे में संचालन
वैसे शुरू से ही से मोनो रेल प्राधिकरण के लिए घाटे का सौदा साबित हुई है। घाटे में चल रही मोनो के सुचारू संचालन के लिए नए रेक के साथ कनेक्टिविटी की भी जरूरत है। निर्माणाधीन मेट्रो कॉरिडोर मुंबई मोनोरेल को बढ़ाने में मदद करेगा। मोनो, मेट्रो और महालक्ष्मी रेलवे स्टेशन (Mahalaxmi Railway Station) के बीच एक लिंक प्रदान करने के लिए जैकब सर्कल स्टेशन पर एक मूविंग वॉकवे के निर्माण की योजना है।