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    मुंबई. गणेशोत्सव (Ganeshotsav) की पृष्ठभूमि में मुंबई महानगरपालिका ने 1 अप्रैल से 11 सितंबर 2021 के बीच मुंबई (Mumbai) में 33,156 गड्ढों (Potholes) को भरने का दावा किया है।  जिस पर तकरार बढ़ गई है। विरोधी पक्ष नेताओं ने बीएमसी (BMC) की इस रिपोर्ट को झूठ का पुलिंदा बताया है। विरोधी पक्ष नेता रवि राजा ने कहा कि सड़कों पर अभी 25 हजार से अधिक गड्ढ़े हैं। बीएमसी ने जितने गड्ढे  भरे हैं उनकी रिपोर्ट देनी चाहिए।

    रवि राजा ने कहा कि बीएमसी सड़कों पर बने गड्ढों को भरने का नाटक कर ठेकेदारों की जेबें भर रहे हैं। गड्ढों को भरने के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री बेहद घटिया किस्म की है इसलिए बार-बार गड्ढों को भरने के बाद भी दुबार गड्ढे हो रहे हैं। रवि राजा ने यह भी कहा कि गड्ढों की समस्या को स्थायी रूप से हल करने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग किया जाना चाहिए।

     खर्च किए गए 48 करोड़ रुपये का ऑडिट होना चाहिए

    बीजेपी के पार्टी नेता विनोद मिश्रा ने  आरोप लगाया कि बीएमसी ने गड्ढों को भरने के लिए 48 करोड़ रुपये के टेंडर जारी किए जो 24 वार्डों के लिए प्रति वार्ड 2 करोड़ रुपये हैं। तथाकथित रूप से 11 सितंबर तक 33 हजार गड्ढों भरने का दावा किया गया। प्रत्येक गड्ढे को ठीक करने के लिए कुल बीएमसी ने 14,545 रुपए खर्च किए हैं।  उन्होंने गड्ढों को भरने पर खर्च किए गए 48 करोड़ रुपये का ऑडिट होना चाहिए। इन फर्जी उद्देश्यों के बावजूद, शहर की सभी महत्वपूर्ण सड़कों में गड्ढे बरकरार हैं। बीएमसी का डेटा एक मजाक बनकर रह गया है। हर सड़क पर औसतन 100 गड्ढे हैं। जबकि रोड और आवासीय क्षेत्रों में छोटी सड़कों को इसमें नहीं जोड़ा गया है। परेशान जनता और यात्री गड्ढों में समाने को अभिशप्त हैं। मिश्रा ने कहा कि नेताओं और अधिकारियों की सांठगांठ से हर साल होनेवाला एक ऐसा बड़ा फ़्राड है जो सतत जारी है। सड़कों के गड्ढों को भरने का दावा करने वाली बीएमसी का दावा बरसात आते ही धुल जाता है। वर्षों से चल रहे इस भ्रष्टाचार के लिए चुनावी साल में जनता सत्ताधारी पार्टी को इसकी सजा देगी।