2040 तक 500 किमी मेट्रो नेटवर्क की जरुरत, विकसित करने होंगे वाटर-वे, रेल,बस टर्मिनल

  • एमएमआरडीए की कॉम्प्रिहेंसिव ट्रांसपोर्टेशन स्टडी

Loading

मुंबई:  मुंबई-एमएमआर (Mumbai-MMR) की परिवहन व्यवस्था पर एमएमआरडीए (MMRDA) द्वारा तैयार की गई कॉम्प्रिहेंसिव ट्रांसपोर्टेशन स्टडी रिपोर्ट-2 (Comprehensive Transportation Study Report-2) के जारी होने के बाद देश की आर्थिक राजधानी और इससे जुड़े आसपास के जिलों में यातायात सुविधाओं (Traffic Facilities) पर चर्चा शुरू हो गई है। एमएमआरडीए ने बढ़ती आबादी की परिवहन आवश्यकताओं को देखते हुए व्यापक अगले 20 साल की एक कॉम्प्रेहेंसिव स्टडी रिपोर्ट तैयार की है।

मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा किए गए व्यापक परिवहन अध्ययन (सीटीएस) 2 के अनुसार, 2041 तक एमएमआर में 487 किमी से ज्यादा  मेट्रो नेटवर्क जिनमें 232 किलोमीटर उपनगरीय नेटवर्क की आवश्यकता होगी। मेट्रो के अलावा 533 किलोमीटर विशेष बस लेन (बीआरटीएस) के अलावा 1,264 किलोमीटर के अतिरिक्त सड़क नेटवर्क की सिफारिश की गई है। स्टडी रिपोर्ट के अनुसार, अगले 20 साल में 4 अंतरराज्यीय बस टर्मिनल, 13 अंतर-शहरी बस टर्मिनल, पांच अंतर-शहरी रेल टर्मिनल, 5 बड़े और 14 छोटे ट्रक टर्मिनल और 25 वाटर वे टर्मिनल की आवश्यकता होगी।

बढ़ेगी निगम की जिम्मेदारी

एमएमआर के सभी निगम क्षेत्रों की बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए सीटीएस-2 में सभी नगर निगमों, परिषदों (एमएमआर के तहत), सिडको, एमआरवीसी, जेएनपीटी, एमबीपीटी आदि को शामिल किया गया है। अध्ययन में उक्त क्षेत्रों में जंक्शन सुधार, ट्रैफिक सिग्नल, फ्लाईओवर, एलिवेटेड रोड, रोड ओवर ब्रिज, रोड अंडर ब्रिज, सबवे, स्काईवॉक और साइकिल ट्रैक जैसे तत्काल यातायात उपायों की आवश्यकता होगी। एमएमआरडीए के मेट्रोपॉलिटन कमिश्नर एसवीआर श्रीनिवास के अनुसार, भविष्य में  परिवहन में एक निर्बाध और एकीकृत प्रणाली की जरुरत के अनुसार कार्य करना होगा। इसके लिए  सार्वजनिक परिवहन को ही विकसित करने के साथ कार्बन फुटप्रिंट को कम करने पर जोर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी सीटीएस-1 के तहत अध्ययन हुआ था, जिसमें मुंबई शहरी परिवहन परियोजना (एमयूटीपी) को लागू किया गया, परंतु योजनाओं के कार्यान्वयन में देरी हुई है।

समय पर पूरी नहीं होती योजनाएं

ट्रांसपोर्ट क्षेत्र के जानकार अजीत शेनॉय ने कहा कि चाहे मेट्रो हो या अन्य ट्रांसपोर्ट परियोजनाएं ये कभी समय पर पूरी नहीं होती। इससे कॉस्ट और लोगों को समस्या बढ़ती है। अजीत शेनॉय ने कहा कि टाइम बाउंड योजना बनानी होगी। एमएमआरडी का एरिया काफी बढ़ गया है। योजनाओं का रेगुलर समीक्षा होनी चाहिए। सभी मेट्रो और रेल ट्रांसपोर्ट योजनाओं के कार्य में देरी हो रही है।

लगातार बढ़ेगा एमएमआर

ट्रांसपोर्ट एक्सपर्टस  के अनुसार, मुंबई के अलावा एमएमआर लगातार बढ़ेगा। इस समय एमएमआरडीए का कार्यक्षेत्र ठाणे, पालघर और रायगढ़ इन जिलों में तेजी से बढ़ा है। रायगढ़ जिले के अलीबाग, पेण, पनवेल और खालापुर, खोपोली जैसे इलाकों को भी शामिल किया गया है। प्राधिकरण के पास 1.50 लाख करोड़ रुपए से अधिक की विविध इंफ्रा योजनाएं चल रही है। प्राधिकरण का क्षेत्र बढ़ाकर 6,272 वर्ग किलोमीटर किये जाने की योजना है। वसई पालघर और रायगड़ का आधे से ज्यादा क्षेत्र एमएमआरडीए की हद में आ जाएगा। ठाणे जिले के मुरबाड और शहापुर तहसीलों को भी एमएमआरडीए में शामिल करने पर विचार किया गया है। यहां अभी कई पुल और सड़क मार्गों के निर्माण और विस्तार की आवश्यकता है।