मुंबई: मानसून (Monsoon) से पहले मुंबई (Mumbai) में होने वाले नाला सफाई (Drain Cleaning) को लेकर शिवसेना-बीजेपी (Shiv Sena-BJP) के बीच घमासान मच गया है। पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) ने दावा किया कि मुंबई के 78 फीसदी नालों की सफाई पूरी हो गई है, जबकि बीजेपी (BJP) ने महानगरपालिका प्रशासन और पर्यावरण मंत्री के नाला सफाई के दावे को सट्टा बाजार के आंकड़ा बताया है। बीजेपी ने कहा कि प्रशासन और पर्यावरण मंत्री नाला सफाई के नाम पर हाथ सफाई कर रहे है। यदि मानसून में किसी की जान जाती है तो इसकी जिम्मेदारी इन्ही लोगों की होगी।
आदित्य ठाकरे मुंबई में हो रहे नाला सफाई का देर रात निरीक्षण किया। ठाकरे ने बीएमसी अधिकारों के साथ नाला सफाई पर समीक्षा बैठक की। उन्होंने पत्रकार परिषद में बताया कि मुंबई में मानसून पूर्व 78 फीसदी नालों की सफाई पूरी हो गई है।
एनडीआरएफ की तीन इकाइयां तैनात
समीक्षा बैठक में ठाकरे ने बीएमसी अधिकारियों को निर्देश दिया कि पहाडी क्षेत्रों में भूस्खलन वाले स्थानों जहां दुर्घटना होने की आशंका है, वहां तत्काल आवश्यक कदम उठाएं। मुंबई में एनडीआरएफ की तीन इकाईयां वर्तमान में तैनात हैं। इन तीन इकाइयों के अलावा, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया दल की तीन और इकाइयों को इस साल मानसून के मौसम में भूस्खलन की संभावना वाले क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा। एनडीआरएफ की अतिरिक्त इकाइयां बीएमसी के ‘एस’ वार्ड, ‘एम पश्चिम’ वार्ड और ‘एन’ वार्ड में स्थायी रूप से तैनात की जाएंगी। एनडीआरएफ की प्रत्येक इकाई में 45 कर्मी होते हैं। बीएमसी इलाके में 135 जवानों वाली तीन यूनिट हमेशा सक्रिय रहती है। इसके अलावा, तीन और इकाइयां, जिनमें 135 वाहन शामिल हैं, आपात स्थिति में मानसून के मौसम के दौरान तैयार रहेंगी। ठाकरे ने कहा भूस्खलन वाले क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों को वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराने की कार्रवाई की जा रही।
Reviewed the pre-monsoon preparedness with BMC Administrator Iqbal Singh Chahal ji, AMCs, DMCs, Asst.Commissioners and other officials. The work on various preventative measures is on track and @mybmc is geared up to ensure safe a monsoons ahead. https://t.co/FiMGNeMjBf
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) May 19, 2022
नालों की सफाई का काम जारी
ठाकरे ने कहा मानसून पूर्व नालों से गाद निकालने का काम निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चल रहा है। संबंधित अधिकारी अपने क्षेत्र में दौरा कर प्रगति कार्य की समीक्षा कर कार्य को समय पर पूरा कराएं। ठाकरे ने मानसून के दौरान बीएमसी क्षेत्र में रास्तों और सड़कों पर अधिक ध्यान देने का निर्देश दिया है। दीर्घकालिक उपाय के रूप में अगले तीन वर्षों के सड़क कार्यों की योजना बनाएं और योजना के अनुसार लागू करें।
नाला सफाई में हो रही हाथ सफाई
बीजेपी विधायक आशीष शेलार ने पत्रकार परिषद में ठाकरे के दावे को झूठ का पुलिंदा करार दिया। शेलार ने कहा कि बीएमसी की वेबसाइट पर डाले गए आंकड़े रतनी खत्री के जुगार, सट्टेबाजी के आंकड़े हैं। प्रत्यक्ष में केवल 35 फीसदी सफाई हुई है। मुंबई के नागरिकों की जानमाल की क्षति पहुंचती है तो उसकी जवाबदार बीएमसी और शिवसेना होंगे। शेलार ने कहा हम पिछले दो दिनों में 19 नालों का जायजा लिया। सब जगह नालों में कचरे का अंबार लगा हुआ है।
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— Adv. Ashish Shelar – ॲड. आशिष शेलार (@ShelarAshish) May 19, 2022
अंधेरे में क्या कर रहे थे
शेलार ने कहा कि हमारा दौरा घोषित होने के बाद आदित्य ठाकरे रात में नाला सफाई का निरीक्षण करने निकलते हैं। आदित्य ठाकरे रात के अंधेरे में क्या कर रहे थे। सुबह महानगरपालिका में भागदौड़ कर रहे हैं क्योंकि महानगरपालिका के पास मुंबईकरों को डूबने से बचाने के लिए कोई योजना नहीं है। शेलार ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार नाला सफाई के लिए अधिक 162 करोड़ रुपए बजट दिया गया है, लेकिन नालों से जितनी गाद निकाली जानी चाहिए थी बजट अधिक होकर भी कम कींचड़ निकाला गया है।
ज्या गोष्टी टाळता येऊ शकतात, पूर्ण करता येऊ शकतात, ज्या गोष्टींचे नियोजन करता येऊ शकते त्या बाबतीत ही जाणूनबुजून मुंबई महानगरपालिका प्रशासन टाळाटाळ करत आहे. मुंबईकरांचा जीव आणि मुंबईकरांची मालमत्ता दोन्हीही असुरक्षित आहेत. (1/4)@BJP4Maharashtra @BJP4Mumbai#BMC #MVAGovt pic.twitter.com/Nm9YhzGPiB
— Adv. Ashish Shelar – ॲड. आशिष शेलार (@ShelarAshish) May 19, 2022
वृक्षों की 50 फीसदी छंटाई नहीं हुई
बीजेपी नेता शेलार ने कहा कि उन्होंने कहा कि वृक्षों की 50 फीसदी छंटाई नहीं हुई है। मुंबई में खतरनाक हो चुके पेड़ और भूस्खलन वाली जगहों के लिए कमिश्नर अब बैठक ले रहे हैं। कह रहे हैं वृक्षों की छंटाई के लिए गार्डन विभाग को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इतना दिन पालक मंत्री क्या कर रहे थे। मानसून नजदीक आने पर अब गहरी नींद से जागे हैं। इस लापरवाही के कारण मुंबईकरों पर डूबने का खतरा मंडरा रहा है।