ajit pawar

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मुंबई: बुधवार का दिन एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar) और उनके भतीजे उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का रहा। पार्टी के 32 विधायकों और पदाधिकारियों के साथ बांद्रा (Bandra) के एमइटी कॉलेज में बुलाई गई बैठक में पहली बार अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार की राजनीति पर सवाल उठाते हुए कई बड़े खुलासे किए। 

अजित पवार ने शरद पवार पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने शुरू से ही अपनी सुविधानुसार राजनीति की है और हम जैसे लोगों को विलेन बनना पड़ा। अजीत पवार ने कहा कि मैं झूठ नहीं बोलता, देवेंद्र फडणवीस के साथ सुबह की शपथ लेने का फैसला किसका था, यह तो सभी को पता चल गया है। इसके अलावा 2014 में देवेंद्र फडणवीस सरकार को बाहर से समर्थन देने का निर्णय उनका ही था और उन्होंने ही हमें फडणवीस के शपथ ग्रहण समारोह में भेजा था।

साथ लड़ने वाले थे लोकसभा चुनाव

अजित पवार ने यह भी खुलासा किया कि वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव एनसीपी, बीजेपी और शिवसेना 16-16-16 सीटों साथ में लड़ने वाले थे। चाचा शरद पवार ने हामी भर दी थी, परंतु दिल्ली के बीजेपी नेता तैयार नहीं हुए। इसी तरह 2017 में बीजेपी सरकार में शामिल होने को लेकर वर्षा में बैठक भी हो गई थी। यह सब शरद पवार की इच्छा से होने वाला था। अजित ने कहा कि शरद पवार आज भी मेरे देवता हैं, लेकिन उनके नेतृत्व में एनसीपी का मुख्यमंत्री भी नहीं बन पाया। 

चाचा के निर्णय से हुआ पार्टी को नुकसान

दिल्ली में कोई चर्चा और महाराष्ट्र में आकर उनके निर्णय बदलने से पार्टी का नुकसान हुआ। आठ सांसद और 71 विधायकों के ऊपर पार्टी बढ़ नहीं पाई। अजित पवार ने कहा कि 2019 में एक उद्योगपति के यहां बैठक कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने का निर्णय लिया गया, लेकिन पवार साहब ने एका-एक शिवसेना के साथ जाने का निर्णय ले लिया। इस तरह बार बार निर्णय बदलते रहे, जिसका नुकसान पार्टी को हुआ। इसी तरह प्रफुल्ल पटेल ने भी खुलासा करते हुए कहा कि शिंदे की बगावत के साथ ही बीजेपी के साथ जाने की विनंती की थी।

निशाने पर जयंत पाटिल 

अजित पवार की बैठक में पूर्व मंत्री और शरद पवार के करीबी जयंत पाटिल भी निशाने पर रहे। छगन भुजबल ने जयंत पाटिल पर निशाना साधते हुए कहा कि खुद बरसों बरस पद पर जमे रहे और लोगों को बदलते रहे। इससे पार्टी का नुकसान हुआ। हालांकि छगन भुजबल ने शरद पवार को अपना विट्ठल बताते हुए कहा कि अब उन्हें आशीर्वाद देना चाहिए।

दादा मतलब विकास का वादा: चाकनकर

अजित पवार गुट में एनसीपी की प्रदेश अध्यक्ष बनाई गईं महिला आयोग की अध्यक्ष रुपाली चाकनकर ने कहा अजित दादा मतलब विकास का वादा हैं। इन्होने महिलाओं के विकास के लिए अनेक योजनाएं लाने का काम किया है। इस दौरान कार्यकर्ता एक ही वादा अजीत दादा का नारा लगाते दिखे। बैठक में बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद थी। धनंजय मुंडे ने कहा कि हम शरद पवार के पद चिन्हों पर चल रहे हैं, लेकिन अब एनसीपी नए उत्साह से आगे बढ़ेगी। प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए गए सांसद सुनील तटकरे ने कहा कि लोग ऐसे ही अजित पवार के साथ लोग नहीं आए हैं। महाराष्ट्र के विकास के लिए लोग एकत्रित हुए हैं।

सभी विधायक बस से रवाना

अजित गुट के नेताओं विधायकों की बैठक के बाद सभी विधायकों को एक बस से ही रवाना किया गया। वैसे छगन भुजबल ने दावा किया कि एनसीपी के 40 विधायकों का प्रतिज्ञापत्र उनके साथ हैं। इसके पहले मंच और सभागार से लेकर बाहर तक एनसीपी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। मंच पर शरद पवार का बड़ा फोटो अन्य नेताओं के साथ लगा हुआ था। मंच पर अजित पवार सहित उनके मंत्रियों और पदाधिकारियों को फ़लों की माला पहनाई गई।