मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार (Ajit Pawar) ने राज्य के लिए वर्ष 2022-23 का बजट (Budget) विधानसभा में पेश किया। इस बजट में उन्होंने पंच निशाना मारते हुए उद्योग (Industry), ट्रांसपोर्ट (Transport), महिला, स्वास्थ्य (Health) , कृषि (Agriculture) के अलावा मानव संसाधन को बढ़ाने पर जोर देने का फैसला किया है। जानकारों का कहना है कि अजित पवार ने आने वाले दिनों में मुंबई (Mumbai), पुणे (Pune) और ठाणे (Thane) समेत कई अन्य महानगरपालिका के लोकल चुनाव के मद्देनजर समाज के इन पांच अहम अंगों को बड़ी राहत देने की कोशिश की है।
इसके तहत पवार ने ट्रांसपोर्ट सेक्टर से जुड़े लोगों के लिए के एक बड़ा फैसला लेते हुए सीएनजी पर लगने वाले वैट को 13.5 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया है। इस फैसले से सरकार के राजस्व में करीब 800 करोड़ रुपए तक की कमी आएगी। इस कदम से सीएनजी का इस्तेमाल करने वाले आम कमर्शियल वाहन चालकों जैसे ऑटो रिक्शा और टैक्सी चालकों के अलावा उन मध्यम वर्गीय परिवारों को फायदा होगा, जो अपने वाहनों में सीएनजी का इस्तेमाल करते हैं।
छोटे और मध्यम व्यापारियों को बड़ी राहत
वित्त मंत्री पवार ने जीएसटी के झगड़े को ख़त्म करते मूल्यवर्धित कर यानी वैट विवादों को लेकर छोटे और मध्यम श्रेणी के व्यापारियों को बड़ी राहत दी है। उन्होंने इसके लिए महाराष्ट्र सेटेलमेंट ऑफ़ एरियर्स ऑफ़ टैक्स एंड पेनल्टी यानी लेट फीस स्कीम 2022 के तहत व्यापारी वर्ग को बड़ा ऑफर दिया गया है। यह स्कीम की मियाद 1 अप्रैल से शुरू होकर 30 सितंबर तक होगी। साफ़ है कि इस दौरान मुंबई, पुणे और ठाणे समेत कई अन्य शहरी महानगरपालिका के चुनाव होंगे। ऐसे में इस फैसले से पवार ने छोटे और मध्यम व्यापारी वर्ग को सरकार की ओर खींचने का प्रयास किया है, ताकि आघाडी दलों को लोकल चुनाव में उनका समर्थन मिल सके। इस स्कीम के तहत 10 हजार के वैट विवाद को माफ़ करने का फैसला लिया गया है। इससे करीब एक लाख छोटे व्यापारियों को राहत मिलेगी। वहीं 10 लाख रुपए तक के विवाद को सिर्फ 2 लाख रुपए जमा कर खत्म किया जा सकता है। इस फैसले से करीब ढाई लाख मध्यम व्यापारियों को फायदा होगा।
सर्राफा व्यापारियों पर मेहरबानी
वित्त मंत्री पवार ने सर्राफा व्यापारियों पर मेहरबानी दिखाते हुए एक बड़ी घोषणा की है। इसके मुताबिक, राज्य में आयातित सोने-चांदी की डिलीवरी ऑर्डर दस्तावेजों पर स्टांप 0.1% के स्टांप शुल्क को माफ़ कर दिया गया है। सर्राफा कारोबार से जुड़े ज्यादातर व्यापारी गुजराती और मारवाड़ी समाज से आते हैं, जिनका संबंध गुजरात और अन्य राज्यों से हैं। गुजराती और मारवाड़ी समाज के लोगों को बीजेपी का परंपरागत वोटर्स माना जाता है, लेकिन वित्त मंत्री पवार ने उन्हें बड़ी राहत देते हुए आघाडी की तरफ से बड़ा पासा फेंका है।
24 हजार करोड़ रुपए के घाटे का बजट
- राजस्व प्राप्ति :- 4,03,427 करोड़ रुपए
- राजस्व खर्च :- 4,27,780 करोड़ रुपए
- राजस्व घाटा :- 24,353 करोड़ रुपए
- वार्षिक योजना :- 1,50,000 करोड़ रुपए
- महिला एवं बाल विकास विभाग को 2400 करोड़ रुपए
- कृषि विभाग के लिए 3025 करोड़ का प्रस्ताव
- कपास और सोयाबीन के लिए 1000 करोड़ का विशेष कोष
- स्वास्थ्य विभाग को 3183 करोड़ रुपए
- जल संसाधन विभाग को 13 हजार 252 करोड़
- अनुसूचित जाति के लिए – 12,230 करोड़ रुपए
- आदिवासी विकास योजना के लिए 11,199 करोड़ रुपए
- उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को 1600 करोड़ रुपए
- ग्रामीण विकास मंत्रालय को 7718 करोड़ रुपए
- जिला वार्षिक योजना :- 13,350 करोड़ रुपए
- बजट का आकार 13 % बढ़ा
- कर्ज बढ़कर 6.49 लाख करोड़ रुपए