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    मुंबई. टीबी (TB) से संक्रमित रोगियों (Infected Patients) के इलाज (Treatment) के लिए बेडाकुलीन दवाई मददगार साबित हो रही है। मुंबई में हजारों मरीजों को बेडाक्यूलिन (Bedaquiline) सहित अन्य टीबी की दवाइयों का मिक्स डोज दिया जा रहा है। मुंबई टीबी नियंत्रण कक्ष के अधिकारियों और इस दवाई के जरिए मरीजों का उपचार कर रहे डॉक्टरों की माने तो मरीज में टीबी के खात्मे के लिए यह दवा कारगर है।

    घनी आबादी वाले इस शहर में टीबी का मकड़ जाल फैला हुआ है। मुंबई शहर में पिछले कुछ वर्षों में 45 से 50 हजार नए टीबी मरीज मिल रहे हैं। इनमें से कई ऐसे रोगी होते है जो मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट (एमडीआर) में तब्दील हो जाते है यानी इनपर टीबी की कुछ दवाइयां असर नहीं करती है। ऐसे टीबी मरीजों के उपचार के लिए बेडाक्यूलिन दवाई आई। इस दवाई का सेवन करनेवाले एमडीआर टीबी के रोगियों में सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले हैं।

     काफी अच्छा रिजल्ट देखने को मिला 

    मुंबई टीबी नियंत्रण कक्ष की प्रमुख डॉ. प्रणीता टिपरे ने बताया कि 2018 से लेकर 2021 मार्च तक कुल 4273 मरीजों को बेडाक्यूलिन दवाई दी गई है। यह दवाई एमडीआर मरीजों को दिया गया है, जिसका काफी अच्छा रिजल्ट देखने को मिला है। लीलावती अस्पताल के चेस्ट फिजिशयन डॉ. जलील पार्कर ने बताया कि पिछले कुछ सालों में हमने कुछ मरीजों का ट्रीटमेंट बेडाक्यूलिन सहित अन्य दवाइयों के साथ किया है। हमें भी काफी अच्छे रिजल्ट्स देखने को मिले हैं। रिकवरी काफी अच्छी है। 

    एमडीआर मरीजों की बढ़ती संख्या 

    मुंबई में एमडीआर मरीज यानी वो मरीज जिन्हें नॉर्मल टीबी मरीजों को दी जानेवाली दवाइयां असर नहीं करती है। सामान्य टीबी से एमडीआर में तब्दील होने की सबसे बड़ा कारण नियमित दवाई का न खाना या फिर दवाइयों का कोर्स अधूरे में छोड़ना। 2018 में मुंबई में एमडीआर के 5594,  वर्ष 2019 में 5673, वर्ष 2020 में 4367 और वर्ष 2021 मार्च तक 1224 मरीज मिले हैं। कोरोना के चलते 2020 में संख्या कम दी रही है, लेकिन यह संख्या अधिक होने की बात अधिकारियों ने कही है।

    कब और कितने को मिली बेडाक्यूलिन

    केंद्र सरकार द्वारा हर वर्ष कुछ राज्यों यह दवाई मुहैया करती है। मुंबई को वर्ष 2018 पहली बार यह दवाई मिली उस समय 273 मरीजों को उक्त दवाई दी गई, उसके बाद 2019 में 1089, 2020 में 2068 और 2021 में मार्च तक 843 मरीजों को उक्त दवाई दी गई।

    70 % हुई रिकवरी रेट

    एमडीआर मरीजों की रिकवरी रेट पहले 40 से 50 फीसदी थी, लेकिन बेडाक्यूलिन की मदद से अब रिकवरी रेट 70 फीसदी तक पहुंच गई है। लोग यह धारणा न पाले कि दवाई से ही बीमारी ठीक हो जाती है। दवाई का नियमित सेवन, पौष्टिक आहार भी बेहद जरूरी है। -डॉ. प्रणीता टिपरे, प्रमुख, मुंबई टीबी नियंत्रण कक्ष

    बीएमसी कर रही टेस्टिंग  

    बीएमसी ने वर्ष 2019 में 1 लाख 33 हजार टेस्टिंग की जिसमें से  25 हजार 903 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई है। वर्ष 2020 में कोरोना के चलते 99668 लोगों की टेस्टिंग की गई, जिसमें से 17000 मरीज मिले हैं और 2021 में अगस्त तक 73,893 टेस्ट हुए हैं, जिसमें से 14,198 में टीबी की पुष्टि हुई है। इसके अलावा निजी अस्पतालों में भी हजारों मरीज टीबी से संक्रमित मिलते हैं।