Big flight of 'Mahacargo', ST earns 6 crores every month

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    मुंबई. कोरोनाकाल में यात्रियों की कमी से एसटी (ST) का घाटा (Loss) भले ही बढ़ा हो, परंतु इस दौरान माल परिवहन में माध्यम से महामंडल (Mahamandal) को अच्छी कमाई हो रही है। आय (Income) के नए साधन के रूप में ‘महाकार्गो’ (Mahacargo) योजना शुरू की गई। माल यातायात क्षेत्र में प्रवेश करने वाले एसटी महामंडल ने  कोरोनाकाल में हर माह 6 करोड़ रूपए कमाया है। निजी मालवाही कंपनियों की तुलना में सस्ती सेवा देने वाले ’महाकार्गो’ को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। यह सेवा  ’महाकार्गो’  के नाम से  राज्य के प्रत्येक जिले में दी जा रही है। 

    महामंडल के मध्यवर्ती कार्यालय के नियंत्रण में स्वतंत्र विभाग बनाया गया है। कोरोनाकाल में  यात्री यातायात ठप हो गया, जिससे एसटी  का घाटा और बढ़ गया। एसटी निगम के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शेखर चन्ने की दूरदर्शिता से  एसटी को माल ढुलाई सेवा का एक नया विकल्प मिला। शुरू में रोजाना 1 से 2 लाख आय हो रही थी। इस समय यह बढ़ कर 22 से 23 लाख हो गई है। इस योजना के चलते परिवहन निगम को कुछ राहत मिली है।

    एसटी के पास 1150 ट्रक

    माल परिवहन के लिए एसटी के बेड़े में ’महाकार्गो’ के 1150 ट्रक हैं। सरकार की तरफ से राशनिंग, बीज खाद, शालेय पुस्तक, चुनाव आयोग के सामान के साथ निजी कंपनियों के फल ,सीमेंट आदि माल की ढुलाई के लिए ‘महाकार्गो’ के ट्रक का उपयोग हो रहा है। निगम ने माल यातायात से 100 करोड़ की आय का लक्ष्य बनाया है। हाल ही में राज्य सरकार ने  निर्णय लिया है कि विभिन्न सरकारी विभागों के माध्यम से होने माल परिवहन का 25 प्रतिशत महाकार्गो के माध्यम से होगा। डीजल पर हर माह 2।50 करोड़ खर्च के अलावा -वेतन भत्तों पर 1 करोड़ खर्च हो रहा है। 32 लाख से 33 लाख रुपए प्रतिदिन कमाने का लक्ष्य है। मुख्य ट्रांसपोर्टर के रूप में निगम के पास शिर्डी संस्थान सहित  कई अन्य सरकारी संस्थान,अल्ट्राटेक सीमेंट,वंडर सीमेंट,राइस मिल्स, सोयाबीन ऑयल मिल्स,अलाना ऑयल मिल्स, चीनी कारखाने, निर्माण और कुछ निजी कंपनियां शामिल हैं।