Vande Metro Train

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मुंबई: मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों (Local Trains) में यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। मुंबई (Mumbai) के लाखों लोगों को जल्द ही वंदे मेट्रो (Vande Metro) में सफर करने का मौका मिलने वाला है और इसके लिए रेलवे बोर्ड (Railway Board) ने वंदे मेट्रो के 238 रेकों को खरीदने के लिए मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के मिलने के बाद मुंबई रेल विकास कॉरपोरेशन अर्थात एमआरवीसी  ने आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन सभी 238 वंदे मेट्रो रेक की खरीदारी एमआरवीसी की निगरानी में की जाएगी। वन्दे मेट्रो को चलाने का काम MUTP-3 और 3A प्रोजेक्ट के तहत किया जायेगा। 

एमआरवीसी के सीएमडी सुभाष गुप्ता ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि लोकल ट्रेनों से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए यह बड़ा कदम है और उनकी टीम वंदे मेट्रो को खरीदने की मंजूरी मिलने के बाद तमाम अन्य प्रक्रियाओं को हम करने में जुट गई है। रेलवे बोर्ड से इस मंजूरी के मिलने के बाद वंदे मेट्रो के दो डिपो को बनाने का काम भी एमआरवीसी ने शुरू कर दिया है। एमएमवीसी के मुख्य प्रवक्ता सुनील उदासी ने बताया कि एमयुटीपी 3 और 3 ए अंतर्गत आने वाली इस परियोजना के तहत एक दशक में मुंबई उपनगरीय लोकल का चेहरा पूरी तरह बदल जाएगा।

वंदे मेट्रो ट्रेन मेक इन इंडिया के तहत बनाई जाएगी

गौरतलब है कि वंदे मेट्रो ट्रेनों का ऐलान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस साल आम और रेलवे बजट पेश करने के बाद किया था। इस ऐलान के बाद से वंदे मेट्रो चलाने को लेकर रेलवे बोर्ड लगातार जुटा हुआ था। मुंबई में लोकल ट्रेनों में हर दिन लगभग 80 लाख के करीब यात्री यात्रा करते हैं। इन यात्रियों के लिए मध्य रेलवे हर दिन करीब 1700 और पश्चिम रेलवे करीब 1400 ट्रेनों का परिचालन करता है। ऐसे में वंदे मेट्रो की मंजूरी मिलने के बाद इन यात्रियों को नए अनुभव के साथ सफर करने का मौका मिलेगा। यह वंदे मेट्रो ट्रेन मेक इन इंडिया के तहत बनाई जाएगी।

ऐसी होंगे वंदे मेट्रो कोच

  • वातानुकूलित वंदे भारत उपनगरीय ट्रेनों में ऑटोमैटिक डोर क्लोजिंग सिस्टम कोच होगा। 
  • यात्री आगे से पीछे पूरी ट्रेन में आ जा सकेंगे।
  • कोच की एक ही श्रेणी होगी। मौजूदा व्यवस्था के अनुसार प्रथम या द्वितीय श्रेणी नहीं है।
  • ट्रेन के दोनों सिरों पर अलग एसी वेंडर कंपार्टमेंट
  • यात्रियों के बैठने की व्यवस्था मौजूदा ईएमयू ट्रेनों के अनुसार ही होगी।
  • मौजूदा व्यवस्था के अनुसार महिलाओं, शारीरिक रूप से अक्षम और वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोच निर्धारित किए जाएंगे।
  • कोचों में एलईडी लाइटें, बड़े डिजिटल डिस्प्ले पैनल वाले यात्री के लिए इंफोटेनमेंट और एनरूट स्टेशनों, डोर ओपनिंग साइड आदि के लिए संकेत होंगे।
  • आपातकालीन निकास प्रणाली
  • सीसीटीवी निगरानी और यात्री टॉक बैक सिस्टम से लैस रेक होंगे।