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    मुंबई: मुंबई महानगरपालिका का चुनाव शिवसेना (Shiv Sena) के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शिवसेना सत्ता में वापसी करने के लिए मुंबई (Mumbai) में 90 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट चला रही है। बीएमसी (BMC) के पास 55 हजार करोड़ रुपए हैं, लेकिन इन प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 35 हजार करोड़ रुपए कम पड़ रहे हैं। उसके उपर मुंबई महानगरपालिका का राज्य सरकार (State Government) के पास 10 हजार करोड़ रुपए बकाया है। आर्थिक हालत (Financial Condition) खस्ता होने के कारण बीएमसी की विकास परियोजनाओं पर तलवार लटकी हुई है।

    राज्य सरकार के पास बीएमसी का 10 हजार करोड़ रुपए बकाया है जिसमें अकेले 4,840 करोड़ शिक्षा विभाग का है। कोविड के समय खर्च किए गए 3,300 करोड़ बीएमसी ने राज्य सरकार से देने की मांग की है, जबकि 2 हजार करोड़ विभिन्न प्रकार के टैक्स जिसमें प्रॉपर्टी टैक्स और दूसरे टैक्स भी बाकी हैं। राज्य सरकार ने कोरोना संकट में लोगों के उपचार में आने वाला खर्च भी बीएमसी को देने का आश्वासन दिया था। राज्य सरकार के पास सितंबर 2021 तक 2764 करोड़ 88 लाख उसका भी बकाया हो गया है।

     कोरोनाकाल में खर्च की राशि

     कोविड काल में खर्च की गई राशि को पाने के लिए बीएमसी ने शहर जिलाधिकारी को 1,417 करोड़ और उपनगर जिलाधिकारी के पास 1,347 करोड़ रुपए तत्काल देने का प्रस्ताव भेजा है। बीएमसी कमिश्नर ने भरोसा व्यक्त किया था कि यह रकम राज्य सरकार देगी, लेकिन 3 महीना बीतने के बाद भी यह रकम नहीं मिली है।

    बीएमसी की हालत आर्थिक तौर पर खराब चल रही है। बीएमसी के पास कम बजट होने के बाद भी 90 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट चला रही हैं। बीएमसी 35 हजार करोड़ रुपए कहां से लाएगी? बीएमसी की सत्तारुढ़ पार्टी के नेता कहते हैं कि हमारे मुख्यमंत्री और पालक मंत्री के संकल्पना से काम हुआ, लेकिन वे राज्य सरकार के पास बकाया रकम पाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। बीमएसी कमिश्नर को बताना होगा कि परियोजनाओं को पूरा करने के लिए पैसा कहां से आएगा।

    -प्रभाकर शिंदे, गुट नेता बीजेपी