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    मुंबई: पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का ड्रीम प्रोजेक्ट (Dream Project) कही जाने वाली बुलेट ट्रेन के काम की स्पीड पर महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने ब्रेक लगाया हुआ है। पिछले दिनों एक जाहिर सभा में सीएम उद्धव ठाकरे ने फिर बुलेट ट्रेन (Bullet Train) की उपयोगिता पर सवाल उठाते हुए इसे महाराष्ट्र और मुंबई की अस्मिता से जोड़ दिया था। सीएम उद्धव ठाकरे के उस विरोध के बाद राज्य में फिर बुलेट ट्रेन का काम लटकने की चर्चा शुरू हो गई है। उल्लेखनीय है कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना पर जापान सरकार के सहयोग से कार्य हो रहा है। 

    मुंबई से शुरू होने वाली बुलेट ट्रेन के लिए राज्य सरकार को 5 हजार करोड़ देना था। एनएचआरसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, गुजरात ने तो अपने हिस्से की राशि अदा कर दी, परंतु महाराष्ट्र सरकार से कोई मदद नहीं मिली है, हालांकि पिछले महीनों में जमीन अधिग्रहण का काम कुछ आगे बढ़ा था। 

    11 बार करनी पड़ी निविदा रद्द

    बताया गया बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स की जमीन और निधि न मिलने से शिलफाटा और बांद्रा-कुर्ला स्टेशन के बीच सुरंग का काम रद्द करने का फैसला किया गया है। निविदा रद्द करने के लिए अन्य प्रशासनिक कारण दिए गए, परंतु राज्य सरकार द्वारा परियोजना के लिए 5,000 करोड़ रुपए न देना भी इसके पीछे का एक कारण है। बताया गया कि एक-दो बार नहीं बल्कि 11 बार निविदा रद्द करनी पड़ी। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में तेजी लाने के लिए नवंबर 2019 में निविदाओं की घोषणा की गई थी।

    गुजरात में काम तेज

    गुजरात में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल रहा है। लगभग शत प्रतिशत जमीन अधिग्रहण के साथ एलिवेटेड कार्य शुरू है। नदियों पर पुल बनाए जा रहे हैं। यहां तक पटरियां बिछाने का काम भी शुरू किया गया है।

    राजनीतिक खींचतान का असर

    चर्चा है कि राज्य में बीजेपी और शिवसेना के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान का असर बुलेट ट्रेन परियोजना पर पड़ रहा है। सरकार के मुखिया उद्धव ठाकरे स्वयं बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते रहते हैं। इसके चलते बुलेट ट्रेन के टर्मिनल के लिए अत्यंत जरूरी बीकेसी की जमीन मिलना भी टेढ़ी खीर साबित हो रही है। मुंबई मेट्रो-3 के प्रस्तावित डिपो के लिए कांजुरमार्ग में खार जमीन को लेकर केंद्र के अपने दावे और हस्तक्षेप से भी उद्धव ठाकरे नाराज हैं।

    देरी से बढ़ेगी लागत

    2017 में शुरू हुई बुलेट ट्रेन परियोजना को 2023 तक पूरा करना था, लेकिन विभिन्न कारणों से अब इसकी डेडलाइन 2027 कर दी गई है। एनएचआरसीएल अधिकारियों के अनुसार. शुरू में यह परियोजना 1.08 लाख करोड़ रुपए थी, परन्तु देरी के साथ अब लागत बढ़ जाएगी। 508.17 किलोमीटर के इस प्रॉजेक्ट में 384.04 किलोमीटर हिस्सा गुजरात में 155.76 किलोमीटर हिस्सा महाराष्ट्र में और 4.3 किलोमीटर का हिस्सा दादरा नगर हवेली में है। बुलेट ट्रेन के रास्ते में 12 स्टेशन होंगे, जिनमें से 8 गुजरात में, 4 स्टेशन महाराष्ट्र में बनने हैं। गुजरात में ट्रेन एलिवेटिड वहीं महाराष्ट्र में अंडर ग्राउंड चलेगी। इसमें देरी होने से लागत भी बढ़ेगी।

    यह है स्थिति

    राज्य में 433.42 हेक्टेयर भूमि में से मात्र 275.69 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण हो सका है, जबकि गुजरात और दादरा नगर हवेली में लगभग 100 फीसदी जमीन का अधिग्रहण हुआ है। महाराष्ट्र, गुजरात और दादरा नगर हवेली राज्यों में कुल 1225.83 हेक्टेयर भूमि एनएचआरसीएल को हस्तांतरित की गई है।