Ashish Shelar

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    मुंबई : बीएमसी (BMC) की अतिमहत्वाकांक्षी परियोजना कोस्टल रोड (Coastal Road Project) में बड़े पैमाने पर गोलमाल का आरोप भाजपा नेता आशीष शेलार (Ashish Shelar) ने लगाया है। उन्होंने कहा है कि कोस्टल रोड परियोजना में अनियमितता पर महालेखा परीक्षक (कैग) ने  अपनी रिपोर्ट में टिप्पणी की है। शेलार ने मुख्यमंत्री, पर्यावरण मंत्री और मुंबई महानगरपालिका कमिश्नर के साथ ही महानगरपालिका में सत्ताधारी शिवसेना से इस संदर्भ में खुलासा करने की मांग की है। 

    भाजपा नेता आशीष शेलार ने भाजपा कार्यालय में आयोजित पत्रकार परिषद में बताया कि इस परियोजना में ठेकेदारों के साथ ही सलाहकारों को 215 करोड़ रुपए गैरकानूनी तरीके से दिया गया है।  कैग की रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ है। महालेखा परीक्षक ने 23 अप्रैल 21 की अपनी रिपोर्ट में इस परियोजना में अनेक अनियमितताओं के बारे में प्रकाश डाला है। इस परियोजना का डीपीआर गलत है, इसमें अनेक गडबडी है, डीपीआर में यातायात के मुद्दे का विस्तारपूर्वक विश्लेषण नही किया गया है। 

    बीएमसी ने नहीं दिया हलफनामा 

    शेलार ने कहा कि परियोजना में 90 हेक्टेयर जगह को भरा जाना है। इसका उपयोग निवासी और व्यापारिक  कामों के लिए नहीं किया जाएगा ऐसा हलफनामा मुंबई महानगरपालिका दें। इस तरह का निर्देश केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने दिया था, लेकिन 29 महीने गुजर जाने पर भी ऐसा हलफनामा मुंबई महानगरपालिका ने नहीं दिया है। 

     आरोपों पर  मुहर लग गयी 

     

    भाजपा विधायक शेलार ने कहा कि  कोस्टल रोड परियोजना के ठेकेदारों को 215 करोड़ 63 लाख रुपये गैरकानूनी तरीके से दिए जाने का उल्लेख कैग ने किया है। जिसमें से 142 करोड़ 18 लाख रुपए का काम न होने पर भी ठेकेदारों को दिया गया है।  कैग की रिपोर्ट से की वजह से इस परियोजना में गैरकानूनी आरोपों पर  मुहर लग गयी है।

    बीएमसी ने किया अनियमितता से इंकार 

    मुंबई बीएमसी ने भाजपा नेता शेलार के आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा है कि कोस्टल रोड के निर्माण में किसी भी तरह की अनियमितता नहीं हुई है। बीएमसी की तरफ से जारी किए गए स्पष्टीकरण में कहा गया है कि कोस्टल रोड परियोजना का  डीपीआर मेसर्स स्टुप एंड इ. वाई. ने तैयार किया है। डीपीआर का  ड्राफ्ट वर्ष 2015 में बीएमसी की वैबसाइट पर प्रकाशित किया गया था। मेसर्स स्टुप एंड इ. वाई. की तरफ से तैयार किए गए डीपीआर का मेसर्स फ्रिशमैन प्रभू ने बारीकी से अध्यन  किया है। परियोजना में किसी तरह की अनियमितता नहीं हुई है न ही भ्रष्टाचार हुआ है।