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    मुंबई. पीएम मोदी (PM Modi) के ड्रीम प्रोजेक्ट मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन (Mumbai-Ahmedabad Bullet Train) का काम गुजरात (Gujarat) में भले हो फ़ास्ट ट्रैक पर चल रहा हो, परन्तु महाराष्ट्र में अब तक भूमि अधिग्रहण न हो पाने से अभी 5 साल और इंतजार करना पड़ेगा। एनएचएसआरसीएल के माध्यम से चल रहे बुलेट ट्रेन (Bullet Train) के काम में गति लाने के लिए महाराष्ट्र से रेल राज्य मंत्री रावसाहब दानवे और गुजरात से दर्शन जरदोस को लगाया गया है। 

    देश की पहली हाइस्पीड ट्रेन चलाए जाने का निर्णय मोदी सरकार ने वर्ष 2015 में लिया था। सितंबर 2017 में पहली बार इस परियोजना पर काम शुरू हुआ।  परियोजना के लिए महाराष्ट्र में जमीन अधिग्रहण को लेकर शुरू से ही अड़चने आ रहीं हैं। 2019 से राज्य में सरकार बदलने के बाद तो काम अधिक स्लो हो गया है।

    508 किमी लंबी परियोजना

    508.17 किमी के इस प्रॉजेक्ट का 155.76 किमी हिस्सा महाराष्ट्र में, 384.04 किमी हिस्सा गुजरात में और 4.3 किमी हिस्सा दादरा नगर हवेली में है। प्रॉजेक्ट को पूरा करने की शुरुआती डेडलाइन 2023 थी, लेकिन इसके लिए 75 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण करना है। जमीन का 28 फीसदी हिस्सा महाराष्ट्र में है, जबकि गुजरात में 97 फीसद हिस्से और दादरा नगर हवेली में शतप्रतिशत हिस्से पर अधिग्रहण हो चुका है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, हाई स्पीड ट्रेन चलाने से पहले देश की परिस्थिति के हिसाब से तैयारी करनी होती है। प्रॉजेक्ट की शुरुआत से पहले काम का बड़ा अब हो चुका है। प्रॉजेक्ट के लिए 50 पिलर भी कास्ट किए जा चुके हैं। रेलमंत्री ने बताया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ जमीन अधिग्रहण पर बात चल रही है। फिलहाल, वापी से अहमदाबाद के बीच तेजी से काम जारी है।

    महाराष्ट्र में बातचीत जारी

    बुलेट ट्रेन प्रॉजेक्ट को रफ्तार देने के लिए हाल ही में रेल राज्य मंत्री राव साहब दानवे ने राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक भी की। बैठक में में बुलेट ट्रेन के काम को तेजी से बढ़ान का निर्देश दिया गया। बताया गया कि पालघर जिले के 12 गांव जमीन देने को तैयार हुए है।वसई में मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए आवश्यक लगभग 2,000 मकान विभिन्न इमारतों और चॉल में फैले हुए हैं। ठाणे और भिवंडी तालुके में लगभग 75 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। 42 एकड़ जमीनमालिकों की सहमति मिल गई है। शेष भूमि के लिए प्रयास चल रहा है। गुजरात के वापी,बिलमोरा, सूरत और भरूच स्टेशन का काम हो रहा है, जबकि मुंबई के बीकेसी से लेकर अहमदाबाद के साबरमती तक कुल 12 स्टेशन बनाने की योजना है।

    25 हजार करोड़ की योजना

    लगभग इस बहुउद्देश्यीय प्रोजेक्ट को जापानी कंपनी की सहायता से पूरा किया जाना है। पिछले लगभग डेढ़ साल से लॉकडाउन और राज्य सरकार की तरफ से रुचि न दिखाने से परियोजना का काम धीमा हो गया था। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि बुलेट ट्रेन पर काम अपनी गति से चल रहा है, महाराष्ट्र सरकार के  सहयोग की आवश्यकता है।